नई दिल्ली। हार्ट प्रॉब्लम (Hard problem) की बात करें तो आज के समय में ज्यादातर लोगों में ये देखने को मिल जाती है, और लोगों को कई बार समझ नहीं आता है कि ये क्यूं हो रही है। वैसे तो दिल की बीमारियां मांसपेशियों, वॉल्व, धड़कन, कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेल्योर से जुड़ी होती हैं।
Human Life: इन अंगों के बिना भी संभव है जीवन, जानें क्या है ये
1. माइग्रेन- माइग्रेन एक बहुत बड़ी समस्या है और ये ज्यादातर लोगों में मिल जाती है। माइग्रेन की समस्या होने पर स्ट्रोक, सीने में दर्द और दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसीलिए कोशिश करें खुद को हेल्थी रखें और चीजों के बारें में ज्यादा ना सोचे, ताकि आप कई सारी हार्ट प्रॉब्लम से बच सके।
2. लंबाई की समस्या- हां ये सच है कि लंबाई की समस्या से हार्ड प्रॉब्लम होती है। वहीं सामान्य लंबाई से 2.5 इंच कम होने से हृदय रोग की संभावना लगभग 8 फीसद बढ़ जाती है। क्योंकि छोटे लोगों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर अधिक होता है क्योंकि इनकी बॉडी लंबाई, बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को नियंत्रित करने में ओवरलैप हो जाती है।
3. काम में व्यस्त होना- काम करना अलग बात है और ज्यादा काम करना अलग बात है। जो लोग हर हफ्ते कम से कम 55 घंटे काम करते हैं उनमें दिल की बीमारी का खतरा 35-40 घंटे काम करने वालों की तुलना में ज्यादा होता है।
4. अकेलापन- अगर हम कहे कि कई लोग अकेले है या खुद को अकेला महसूस कर रहे है तो सहीं होगा। क्योंकि अकेलेपन से कई लोग मतलब आधे से ज्यादा लोग जुझ रहे है, कम दोस्त होने या अपने रिश्तों से नाखुश होने के कारण भी दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके पीछे के करणों की बात करें तो कई लोग अकेले होने की वजह से हमेशा खुद में सोचा-विचारी करते रहते है किसी से कुछ कहते नहीं है तो फिर ऐसे में बिमारीयां बढ़ जाती है।