मैतेई के साथ रहना हमारे लिए मौत के समान, कुकी आदिवासी BJP विधायकों ने खोला मोर्चा
Breaking Desk | BTV bharat
मणिपुर में हिंसा के बाद हालात पहले से ठीक है. भारतीय सेना ने यहां निगरानी के लिए यूएवी और हेलिकॉप्टर की तैनाती की है. इस बीच कुकी समुदाय ने सरकार के सामने बड़ी मांग रखी है. उन्होंने एक अलग एडमिनिस्ट्रेशन की मांग की. इस समुदाय से मणिपुर विधानसभा में 10 विधायक हैं. बीरेन सिंह सरकार में समुदाय के दो मंत्री भी हैं. विधायकों का आरोप है चिन-कुकी-जोमी आदिवासियों को सरकार सुरक्षा देने में विफल रही.
मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा शुरू हो गई थी
मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा शुरू हो गई थी. कई दिनों तक मणिपुर का कई इलाका जलता रहा. मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हुई हिंसा में 70 से ज्यादा लोग मारे गए. विधायकों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि झड़प के बाद मैतेई के साथ रहना हमारे लोगों के लिए मौत समान है. अलग एडमिनिस्ट्रेशन की मांग रखने वाले विधायकों में 8 बीजेपी के और दो कुकी पिपुल्स अलायंस के हैं – जो राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन में है. वंजागिन वाल्टे की गाड़ी में 4 मई को इंफाल में हमला हुआ था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे.
चिनलुनथांग हाओकिप भी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया
उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाना पड़ा. विधायकों के समूह में बीजेपी सरकार में मंत्री लेटपाओ हाओकिप और नेमचा किपजेन भी शामिल हैं. अलग एडमिनिस्ट्रेशन की मांग रखने वालों में बीजेपी के हाओखोलेट किपजेन, एलएम खौटे, न्गुर्संगलूर सनाटे, लेत्ज़मांग हाओकिप और पाओलीनलाल हाओकिप भी शामिल हैं. वहीं कुकी पिपुल्स अलायंस के किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग और चिनलुनथांग हाओकिप भी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया है.
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