भुवनेश्वर। कोरोना संक्रमण नियंत्रण में नहीं आया तो फिर पिछले साल की ही तरह इस साल भी श्रीक्षेत्र धाम पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा बिना भक्तों के होगी। परिस्थिति पर श्रीमंदिर प्रशासन एवं राज्य सरकार नजर रखे हुए हैं। रथयात्रा के लिए मात्र तीन महीने का समय बचा है, मगर अभी तक तैयारी शुरू नहीं हो पायी है। परंपरा के अनुसार श्रीपंचमी तिथि में केवल रथ की लकड़ी अनुकुल हुई है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण समन्वय कमेटी की बैठक भी नहीं हो रही है। इस साल महाप्रभु की रथयात्रा 12 जुलाई को है। इससे पहले अक्षय तृतीया के दिन रथ निर्माण अनुकुल होने की विधि है। 15 मई को अक्षय तृतीया है। इसी दिन रथ अनुकुल होने के साथ ही श्रीजीवों की चंदन यात्रा शुरू होगी। महामारी कोरोना के कारण पिछले साल श्रीमंदिर के अन्दर श्रीजीओं की अक्षय तृतीया नीति एवं रथ अनुकुल नीति सम्पन्न की गई थी। नरेन्द्र पुष्करिणी के बदले श्रीमंदिर के अन्दर महाप्रभु नौका विहार किए थे।
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बिना भक्तों के दारूब्रह्म की स्नान यात्रा हुई थी। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद बिना भक्तों के महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी अपने भाई बहन के साथ रथ पर सवार होकर मौसी घर गए थे अर्थात रथयात्रा निकाली गई थी। श्रीमंदिर के सेवकों के अलावा किसी भी भक्त को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी।