नई दिल्ली। देश में ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि के विरोध में राज्य कांग्रेस द्वारा छह घंटे के ओडिशा (Odisha) बंद का विरोध किए जाने के कारण राज्य के कई हिस्सों में विशेषकर राज्य के कई हिस्सों में वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। इसके आलावे दुकान बाजार पूरी तरह से बंद है। ओडिशा सरकार का इस बंद को मौन समर्थन होने से पूरे प्रदेश में बंद का व्यापक असर देखा गया है। शिक्षा अनुष्ठानों को सरकार ने पहले ही बंद कर दिया था।
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भुवनेश्वर में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने रेलवे स्टेशन पर रेल रोको का सहारा लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ट्रैक पर रेल-रोको का मंचन किया, नारे लगाए और पार्टी के झंडे लहराए। नाकेबंदी के कारण यात्री और साथ ही मालगाड़ी भी फंसी हुई हैं। इसके आलावे NH-16 पर बसों और वाहनों का भी भारी जाम किया गया है, जिनमें ट्रक, लॉरी सड़क पर खड़े हैं। वहीं जाम के चलते दूरदराज से आने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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कांग्रेस (Congress) के एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम एम्बुलेंस, मिल्क वैन, अग्निशमन वाहनों और शादी पार्टी वाहनों सहित आपातकालीन वाहनों को आसानी से पारित कर रहे हैं। हम लोगों से बड़े जनहित के लिए हमारे साथ सहयोग करने का अनुरोध करते हैं। यूपीए शासन के दौरान, पेट्रोल और डीजल की कीमतें 70 रुपये से नीचे थीं, लेकिन अब यह लगभग 100 रुपये तक पहुंच गया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम हो गई हैं। पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा, हम केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों के लोगों के बुनियादी रवैये का विरोध कर रहे हैं।
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ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार दोनों ईंधन पर अनुचित कर लगा रहे हैं, जिससे उनकी कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है। महामारी के कारण पहले से ही कठिनाई झेल रहे लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए ओडिशा को पेट्रोल और डीजल पर कर कम करना चाहिए।