नई दिल्ली। इस समय पाकिस्तान देश कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर का सामना कर रहा है।यहां अप्रैल महीने में ही संक्रमण के 1 लाख 40 हजार से अधिक मामले मिले हैं और 3 हजार लोगों की मौत हो गई है।
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अगले हफ्ते मनाए जाने वाले ईद उल-फित्र (Eid al-Fitr) के त्योहार से 8 दिन पहले पाकिस्तान (Pakistan) ने आंशिक लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। देश में 8-16 मई तक गैर जरूरी बिजनेस और पर्यटन साइट्स बंद रहेंगी, इसके साथ ही किसी भी हिस्से में यात्रा करना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य मामलों में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के सलाहकार डॉक्टर फैजल सुल्तान ने इससे पहले शुक्रवार को बताया था कि अधिकारी इस बात से परिचित हैं कि इस हफ्ते लोग ईद मनाने के लिए परिवार के साथ एकत्रित होंगे, जिससे वह संक्रमण फैला सकते हैं।
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पाकिस्तान सरकार के मंत्री असद उमर ने भी शनिवार को कई ट्वीट (Tweet) करते हुए लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि विदेश से जो लोग आएंगे उन्हें तीन कैटेगरी में विभाजित किया जाएगा, कि जिनसे कम खतरा है, किन्हें कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है और किन्हें पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोकना है। इस समय पाकिस्तान खुद भी ब्रिटेन की यात्रा वाली रेड लिस्ट में शामिल है (Partial Lockdown in Pakistan)। जिसका मतलब ये है कि अगर कोई पाकिस्तान से वहां जाता है, तो उसे होटल में क्वारंटीन होने के लिए भुगतान करना पड़ेगा।
With Eid festival coming , Pakistan has decided to close down the country. Lockdown from May 8. Listen in to PM @ImranKhanPTI and stay safe out there. I urge All Kashmiris in Occupied Kashmir to stay indoors and wear mask. Next two weeks are critical. pic.twitter.com/UYbWhvivfN
— Tony Ashai (@tonyashai) May 6, 2021
अधिकारियों ने भारत का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी है और कहा है कि प्रतिबंध लगाना जरूरी है नहीं तो भारत जैसी स्थिति हो जाएगी। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को 4,109 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि असल संख्या इससे भी ज्यादा बताई जा रही है, जो आंकड़ों में शामिल नहीं है (Pakistan Coronairus Cases)। आंशिक लॉकडाउन के तहत शहरों और क्षेत्रों के बीच चलने वाले निजी वाहनों में केवल टैक्सी, ट्रेन और निजी वाहनों को अनुमति होगी, वो भी सीमित संख्या में।
इस समय पाकिस्तान देश मुश्किल दौर का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि मामलों में स्थिरता के संकेत कम हैं और अगर बचाव के उपाय नहीं अपनाए गए तो इनमें इजाफा हो सकता है। जहां स्थानीय प्रशासन वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिबंध लगा रहा है, वहीं बीते महीने प्रधानमंत्री ने देशव्यापी लॉकडाउन का विरोध किया था क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है।