नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज गोरखपुर एम्स (Gorakhpur AIIMS), र्फिटलाइजर कारखाने और आईसीएमआर के जांच केंद्र का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गोरखपुर में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि, पीएम मोदी कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सपना बन चुकी इन तीन बड़ी परियोजनाओं र्फिटलाइजर कारखाने, गोरखपुर एम्स और आईसीएमआर के जांच केंद्र का उद्घाटन करेंगे।
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र्फिटलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को किया गया पुनर्जीवित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि, गोरखपुर में वर्ष 1990 में र्फिटलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का एक खाद कारखाना था, जो बंद हो गया था। उसके बाद आई सरकारों ने इसे फिर से खोलने पर ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणाम स्वरुप क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ सामान्य नागरिकों के जीवन पर भी बुरा असर पड़ा। इसे पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 2016 में खाद कारखाने का शिलान्यास किया था और अब समय सीमा के अंदर यह कारखाना बनकर तैयार है।
हिंदुस्तान उर्वरक कारखाना राष्ट्र को सर्मिपत
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने बताया कि, हिंदुस्तान उर्वरक के नाम से करीब 600 एकड़ क्षेत्रफल में बने इस कारखाने को पीएम मोदी (PM Modi) सात दिसंबर यानि आज राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे। इसमें 12 लाख मैट्रिक टन से अधिक यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। इससे क्षेत्र के किसानों को तो लाभ होगा, साथ ही साथ रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी।
PM Modi करेंगे एम्स का भी उद्घाटन
योगी (CM Yogi) ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) 112 एकड़ क्षेत्र में बने एम्स (Gorakhpur AIIMS) का भी उद्घाटन करेंगे। वर्ष 2016 में मोदी ने इसका शिलान्यास किया था, यह एम्स कभी बाढ़ और बीमारी के लिए पहचाने जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा की नई रोशनी पैदा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी’ पुणे की तर्ज पर आईसीएमआर का एक क्षेत्रीय केन्द्र भी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार इसका भी उद्घाटन करेंगे।
केंद्र का शिलान्यास वर्ष 2018 में हुआ था
योगी (CM Yogi) ने बताया कि, इस केंद्र का शिलान्यास वर्ष 2018 में हुआ था। यह न सिर्फ इंसेफलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया और डेंगू बल्कि कोविड-19 जैसी महामारी से जुड़े वायरस की भी पहचान करने के साथ-साथ उनके उपचार के लिए अनुसंधान को आगे बढ़ाने इत्यादि का काम भी करेगा।
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