नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने बुधवार को उम्मीद के अनुसार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। साथ ही केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर चिंता के बीच मौद्रिक नीति के मामले में जबतक जरूरी हो, उदार रुख बनाये रखने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है।
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रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर
यह लगातार नौवीं बार है, जब रेपो दर (Reserve Bank of India) के मामले में यथास्थिति को बरकरार रखा गया है। इसके साथ रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बना रहेगा। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, एमपीसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर लक्ष्य को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति
उन्होंने कहा कि, इसके अलावा 2021-22 के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। एमपीसी को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गयी है।
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