नई दिल्ली। ब्रिटेन में पीएम बोरिस जॉनसन द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद से वहां का चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री कौन होगा इस चर्चा में कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। इन्हीं नामों में एक ऐसा नाम शामिल है जिसपर हम भारतीय की नजर है। जी हां, ये नाम है भारतीय मूल के ऋषि सुनक का जो इस चुनाव के एक बहुत ही मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
बोरिस जॉनसन द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस प्रक्रिया के पहले दौर में 8 दावेदारों के नाम पर मुहर लगाई गई है। अब आगे सांसदों के समर्थन के अनुसार ही धीरे-धीरे दावेदार इस प्रक्रिया के बाहर होते जाएंगे। आपको बता दें, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय मूल की सुएला ब्रेवमैन भी इस दौड़ में शामिल हुईं थीं लेकिन अब वो बाहर हो चुकीं हैं। आईए जानते हैं ब्रिटेन पीएम पद के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में।
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुनने की प्रक्रिया!
पीएम पद के लिए चुनाव होने से पहले ब्रिटेन में पार्टी के नेता का चुनाव किया जाएगा। इससे ये तय होगा कि आखिर अब कंजर्वेटिव पार्टी का अगला नेता कौन होगा। इस प्रक्रिया में कई राउंड होंगे जिसमें वोटिंग करके ये पता चलता है कि किस दावेदार को सांसदों का सबसे ज्यादा समर्थन मिल रहा है। जिस भी दावेदार को कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना जाएगा, वही ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री भी होगा।
आखिर में बचते हैं दो दावेदार
कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुनने की प्रक्रिया भी काफी लंबी होती है। इस प्रक्रिया में वही दावेदार शामिल होते हैं जिनके पास 20 टोरी सासंदों का सर्मथन होता है। इस चुनाव की बात करें तो पहले दौर के लिए 8 लोगों के नाम सामने आए। पहले दौर की वोटिंग में जिस भी दावेदार को 30 से कम वोट हासिल होते हैं वो इस पूरी प्रक्रिया से बाहर हो जाता है। इसके बाद ये प्रक्रिया फिर वैसे ही दोहराई जाती है और तब तक चलती रहती है जब तक सिर्फ 2 दावेदार नहीं रह जाते। जब आखिर में सिर्फ दो दावेदार बचते हैं तो दोनों ही पूरे देश में प्रचार अभियान करते हैं और पार्टी के सदस्यों से अपने लिए वोट मांगते हैं। आपको बता दें, ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के करीबन पौने दो लाख कार्यकर्ता मौजूद हैं।
ऐसे होता है पीएम का चुनाव
लंबी चली प्रक्रिया के बाद आखिर में सिर्फ दो दावेदार रह जाते हैं। अब ये दोनों दावेदार प्रचार अभियान करते हुए जनता और पार्टी के सदस्यों को अपना एजेंडा बताकर उनसे वोट मांगते हैं। अब इन दोनों दावेदारों में से जो भी पार्टी का नेता बनता है वो ही फिर देश का अगला प्रधानमंत्री भी बनता है।