नई दिल्ली– शहद के फायदों को देखते हुए लोगों में इसकी मांग बढ़ी है शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और ये इम्यूनिटी को मजबूत करता है. यही वजह है कि तमाम तरह के वायरस और फ्लू से बचाव के लिए लोग घरेलू उपचार के लिए शहद का इस्तेमाल करते हैं. शहद के फायदों को देखते हुए लोगों में इसकी मांग बढ़ी है लेकिन जिस शहद को वो सेहतमंद समझकर रोज खा रहे हैं, उसमें मिलावट की जा रही है।
आपको बता दें ये चौंकाने वाला खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) ने किया है. CSE ने अपनी जांच में पाया है कि देश के कई बड़े-छोटे ब्रांड के शहद में अच्छी खासी मात्रा में मिलावट की जा रही है. ये कंपनियां अपने शहद में चाइनीज शुगर सिरप मिलाकर बेच रही हैं. CSE की जांच में डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ और झंडू जैसे कई बड़े ब्रांड फेल हो गए हैं जबकि सिर्फ 3 ब्रांड सफोला, मार्कफेड सोहना (Markfed Sohna) और Nature’s Nectar के शहद जांच में सही पाए गए हैं।
लेकिन डाबर और पतंजलि ने CSE की इस जांच पर सवाल उठाते हुए इसको सोची समझी साजिश कहा है उनका कहना है की इस तरह के जांच का मकसद उनके ब्रांड्स की छवि खराब करना है इन कंपनियों ने दावा किया कि वो भारत में ही प्राकृतिक तौर पर शहद को इकट्ठा करके बेचते हैं जिसमें किसी तरह की मिलावट नहीं की जाती है।
2019 में CSE ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि FSSAI ने कई राज्यों के फूड कमिश्नर को बताया था कि शहद में शुगर सिरप मिलाकर बेचा जा रहा है. FSSAI ने मई के महीने में ‘गोल्डन सिरप’, ‘राइस सिरप’ और ‘इनवर्टेड सीरप’ के आयातकों से इसे रजिस्टर कराने और इसके उपयोग के बारे में सूचना देने को कहा था. CSE ने अपनी जांच में पाया कि गोल्डन सिरप और राइस सिरप केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की आयातित वस्तुओं की सूची में शामिल ही नहीं है।
शुगर सिरप क्या है शुगर सिरप चीनी और पानी को घोलकर बनाया जाता है जिसका उपयोग आमतौर पर कॉकटेल या किसी ड्रिंक में स्वीटनर के तौर पर किया जाता है. इसे गर्म पानी में चीनी डालकर बनाया जाता है और ठंडा होने के बाद इस्तेमाल किया जाता है।
CSE का कहना है कि चीन की कुछ वेबसाइट इन सिरप को फ्रक्टोज सिरप के नाम से इस दावे के साथ बेच रही हैं कि ये शहद में आसानी से मिल जाएंगी और मिलावट की जांच की जाने वाले C3 और C4 जैसे आम परीक्षणों को आसानी से पार कर लेंगी. सरकारी आंकड़ों की जांच करने पर, CSE ने पाया कि ये शुगर सिरप चीनी कंपनियों से थोक में आयात किए जा रहे हैं।
वही एक रिपोर्ट के अनुसार, गांवों में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि चीन की कंपनियों ने उत्तराखंड के जसपुर, उत्तर प्रदेश के बिजनौर और पंजाब के बटाला में भी शुगप सिरप बनाने की फैक्ट्रियां लगाई हैं. ये ऐसा शुगर सिरप तैयार कर रही हैं जो आसानी से किसी भी जांच में पास हो जाए. इस वजह से उनका शहद के व्यापार में काफी नुकसान हो रहा है।