नई दिल्ली: तुर्की (Turkey) के इस्तांबुल (Istanbul) में महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन के द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। महिलाओं को हिंसा (Violence) से सुरक्षित रखने से संबंधित एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय संधि में तुर्की की वापसी की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया गया था। 25 November को ‘महिला अत्याचार उन्मूलन’ के लिए मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस पर इस्तांबुल की मुख्य रास्ते पर यह मार्च निकाला गया। महिलाओं ने रैली (Rally) के समय रंग-बिरंगी तख्तियां हाथ में ले रखी थीं, उन्होंने नारे भी लगाए और यूरोपीय परिषद की ‘इस्तांबुल संधि’ में देश के बने रहने की मांग भी की। महिलाओं को मुख्य रास्ते से आगे जाने से रोकने के लिए दंगा रोधी पुलिस ने अवरोधक लगाए थे।
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प्रदर्शन कर रही महिलाओं के अवरोधक पार करते ही पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दाग दिए। इसी समय एक महिला के घायल होने की सुचना मिली। इसी प्रकार के प्रदर्शन अंकारा और अन्य शहरों में भी किए गए। तुर्की के राष्ट्रपति ‘रजब तैयब एर्दोआन’ ने इस वर्ष मार्च में देश को संधि से बाहर कर लिया था। इसकी महिला अधिकार समूहों व पश्चिमी देशों ने काफी निंदा की थी।
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तुर्की में महिला हिंसा बढ़ रही हैं
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि – तुर्की में महिलाओं के विरूद्ध हिंसा बढ़ रही है। महिलाओं के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन ‘वी विल स्टॉप फेमिसाइड’ का कहना है कि – तुर्की में 2021 में अब तक 353 महिलाओं की हत्या की गई और पिछले वर्ष 409 महिलाओं की जान चली गई थी। अक्तूबर में 18 महिलाओं की हत्या पुरुषों द्वारा की गई और 19 अन्य की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हुई।
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