नई दिल्ली। म्यांमार (Myanmar) में सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार मामलों के एक विशेषज्ञ ने तख्तापलट के विरोध में देश में बड़ी हिंसा की आशंका को लेकर आगाह किया है। संयुक्त राष्ट्र के दूत टॉम एंड्र्यू ने कहा कि उन्हें यंगून में सैनिकों को भेजे जाने की खबरें मिली हैं।
म्यांमार में तख्तापलट, सेना ने एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया
जिनेवा में एंड्रुयू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, पहले भी ऐसी सैन्य कार्रवाईयों में बड़े स्तर पर लोगों की जान गई हैं, लोग गायब हुए हैं या उन्हें हिरासत में लिया गया है। एंड्रूयू ने कहा कि व्यापक स्तर पर प्रदर्शन और सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर उन्हें डर है कि हम म्यांमा के लोगों के खिलाफ सेना की क्रूर कार्रवाई देख सकते हैं।
मिली जानाकारी के अनुसार तख्तापलट किए जाने के बाद से ही म्यांमार (Myanmar) में सेना द्वारा दिव व दिन पाबंदिया बढ़ती ही जा रही। म्यांमार के सैन्य अधिकारियों ने अब सोशल मीडिया पर पाबंदीयां (Social Media Ban) बढ़ाते हुए ट्विटर और इंस्ट्राग्राम के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी। वहीं सेना के द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि कुछ लोग इन प्लेटफॉर्मों पर फर्जी खबरें फैलाकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सोशल मीडिया इन सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया गया है।
म्यांमार: तख्तापलट के बाद सेना की सख्ती, Twitter और इंस्टाग्राम को भी किया बैन
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 1 फरवरी को पड़ोसी देश म्यांमार को सेना ने एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया है। सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने 1 फरवरी की सुबह इसकी घोषणा की। 1 फरवरी यानि सोमवार सुबह के दिन म्यांमार की सेना ने सत्ता पर कब्जा किया और देश की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की, राष्ट्रपति यू विन म्यिंट और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया। इस समय सेना द्वारा म्यांमार में संचार ब्लैकआउट किया गया है, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रॉडकास्टर्स ऑफ एयर हैं, इंटरनेट और फोन सेवाएं भी निलंबित हैं।