दुमका कांड: मृतक थी ‘नाबालिग’, आरोपी ‘शाहरुख’ पर होगा POCSO ACT के तहत मामला दर्ज
झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा है कि 12 वीं कक्षा की छात्रा, जिसकी उसके आहत प्रेमी द्वारा आग लगाने के कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी, जो एक ‘नाबालिग’ थी जिसके वजह से आरोपी के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की।समिति ने कहा कि कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट के अनुसार उसकी उम्र लगभग 16 साल थी और पुलिस के दावे के मुताबिक वह बड़ी नहीं थी। दुमका सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने पीटीआई के हवाले से कहा, “हम अनुशंसा करते हैं कि पॉक्सो अधिनियम की धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ा जाए क्योंकि लड़की हमारी जांच के अनुसार नाबालिग थी।”
अंकिता का जन्म 26 नवंबर, 2006 को हुआ था, वह नाबालिग थी
कुमार के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और उसकी मार्कशीट हासिल की। उन्होंने कहा, “उसकी मार्कशीट के अनुसार, उसका जन्म 26 नवंबर, 2006 को हुआ था, वह नाबालिग थी। इसलिए, इस मामले में POCSO अधिनियम के तहत धाराएं लागू होती हैं।” दुमका पुलिस ने पहले दावा किया था कि मृतका ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में उल्लेख किया था कि वह 19 साल की थी। पुलिस ने कहा कि चौंकाने वाली घटना 23 अगस्त को दुमका शहर में हुई जब शाहरुख के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी ने मृतक के कमरे की खिड़की के बाहर से कथित तौर पर पेट्रोल डाला और उसे आग लगा दी।
अंकिता की अंतिम इक्छा की शाहरुख़ को मिले फांसी
लड़की की पहचान अंकिता कुमारी के रूप में हुई है, जो 12वीं कक्षा की छात्रा थी और उसे गंभीर हालत में पहले दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में रेफर कर दिया गया जहां उसकी मौत हो गई। रविवार को उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। कड़ी सुरक्षा के बीच मयूराक्षी नदी के तट पर लड़की के शव का अंतिम संस्कार किया गया। घटना के सामने आने के तुरंत बाद लोग दुमका की सड़कों पर उतर आए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग की।