नई दिल्ली। जाति आधारित जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर बिहार के दो बड़े चिर प्रतिद्वंदी पार्टी एक साथ नजर आ रहे है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर उनसे मिलने का समय मांगा था। अब प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने का समय दे दिया है। सीएम नीतीश कुमार 23 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे और इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद रहेंगे। सीएम नीतीश ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है
बता दें कि जाति आधारित जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का स्टैंड राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्य दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग है। सीएम नीतीश चाहते है कि जातिगत जनगणना हो, लेकिन बीजेपी इसके खिलाफ है। ऐसे में इस मामले ने अब बिहार में सियासत गरमा दी है।
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पीएम मोदी से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
जाति आधारित जनगणना के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में 23 अगस्त को बिहार से एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री का पत्र चार अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को मिल गया था। इसके बाद 13 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह सूचना भेजी थी कि मुख्यमंत्री का पत्र उन्हें मिल गया है।
जाति आधारित जनगणना करने के लिए बिहार के प्रतिनिधि मंडल के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था। आदरणीय प्रधानमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद कि 23 अगस्त को मिलने का उन्होंने समय दिया। @narendramodi
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 19, 2021
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जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल मॉनसून संत्र के दौरान संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के जवाब में यह कहा था कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराए जाने की कोई मंशा नहीं रखती है। इसके बाद बिहार में ये बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात के समय की जानकारी देने के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है।
जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की बात कही थी। विपक्ष के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपने कक्ष में तेजस्वी सहित कांग्रेस और वाम दल के नेताओं के साथ इस मुद्दे पर बात की थी। इस मुलाकात के दौरान यह सहमति बनी थी कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगेंगे। उनके साथ विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा।