नई दिल्ली। जातिगत आधारित जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर बिहार के दो बड़े चिर प्रतिद्वंदी पार्टी एक साथ नजर आ रहे है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई में इस मसले पर बिहार के 11 नेताओं का डेलिगेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि हमने जातीय जनगणना पर अपनी बात रखी और पीएम मोदी ने हमारी बात सुनी
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इन दलों के नेता करेंगे प्रधानमंत्री से मुलाकात
सीएम नीतीश कुमार के आलावे राष्ट्रीय जनता दल और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बीजेपी की ओर से बिहार सरकार में मंत्री जनक राम, विकासशील इंसान पार्टी से मंत्री मुकेश सहनी डेलिगेशन में शामिल हैं। जबकि कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा, सीपीआई से सूर्यकांत पासवान , सीपीएम से अजय कुमार, सीपीआई माले से महबूब आलम और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान भी शामिल हैं।
देश में हजारों जातियां: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बैठक के बाद कहा, ‘राष्ट्र हित में पूरे बिहार के दस पार्टी के लोग मिल कर आए हैं। ये ऐतिहासिक काम होगा, मंडल कमीशन के बाद पता चला कि हजारों जातियां देश में मौजूद हैं, जब पेड़ और जानवरों की गिनती होती है तो जातीय सेन्सस क्यों नहीं हो?’ उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास आंकड़े है ही नहीं. पहली बार किसी राज्य के द्वारा सभी पार्टियां, जिसमे बीजेपी भी शामिल है।
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क्या है पूरा मामला
बिहार में जाति आधारित जनगणना बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात के समय की जानकारी देने के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की बात कही। विपक्ष के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपने कक्ष में तेजस्वी सहित कांग्रेस और वाम दल के नेताओं के साथ इस मुद्दे पर बात की थी। इस मुलाकात के दौरान यह सहमति बनी थी कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था।