नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिन व दिन तेज होता जा रहा है। किसान और सरकार के बीच आज आठवें राउंड की बैठक विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे से शुरू हुई, लेकिन आज का बैठक एक बार फिर बेनतीजा रहा। किसान अपनी मांगो पर अड़े हुए है। वहीं अब सरकार और किसान के बीच अगली बैठक 8 जनवरी को होगी।
8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। हमने बता दिया है क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं : किसान नेता राकेश टिकैत, सरकार के साथ किसान नेताओं की मुलाकात के बाद pic.twitter.com/5cU9lRdzFL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
लंच ब्रेक के बाद किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की वार्ता दोबारा शुरू हुई। इससे पहले तीनों कानूनों को लेकर सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार करते हुए संशोधन के लिए संयुक्त कमेटी गठित करने पर तैयार हो गई थी। लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
Delhi: Farmers' representatives have food during the lunch break at Vigyan Bhawan where the government is holding talks with farmers on three farm laws. https://t.co/5AtK2LTB9n pic.twitter.com/t12DpUKUWz
— ANI (@ANI) January 4, 2021
नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच चल रही वार्ता लंच ब्रेक के लिए कुछ देर के लिए रुकी है। लेकिन अब तक कृषि कानूनों को खत्म करने के एजेंडे पर कोई प्रगति नहीं हो पाई है। किसान अपनी मांग पर अड़े है। वहीं किसानों ने सरकार के साथ लंच करने से भी इनकार कर दिया।
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बता दें कि कृषि कानून को लेकर आज सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले 6 राउंड की बैठक बेनतीजा रहा। वहीं सातवें दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर सहमति बन गई थी। लेकिन अहम जो दो मुद्दे थे एमएसपी और नए कृशि कानून उस पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
वहीं बैठक में जाने से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मीटिंग का एजेंडा रहेगा तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानून बने। अगर सरकार इसपर कानून नहीं बनाता तो हम वापस नहीं जाएंगे। टिकैत ने कहा अब तक 60 किसान भाईयों ने अपनी जान दे दी है, जिसका सरकार को जवाब देना होगा।
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सुखविंदर सिंह सभरा ने दी सरकार को चेतावनी
वहीं, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आज तीनों कृषि कानून को निरस्त नहीं करता और एमएसपी पर गारंटी नही देती तो यह आंदोलन काफी तेज देखने को मिलेगा।
इतना ही नहीं सुखविंदर सिंह ने कहा सरकार को बता देना चाहता हूं सरकार के साथ अगर आज इन सभी मुद्दों पर बात नहीं बनी हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। किसान 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू हो जाएंगी।