नई दिल्ली।
फिल्म: रूही (Roohi)
डायरेक्टर : हार्दिक मेहता (Hardik Mehta)
स्टार कास्ट : जाह्नवी कपूर (Janhvi Kapoor), राजकुमार राव (Rajkummar Rao) और वरुण शर्मा (Varun)
रेटिंग : 3.5
क्या है कहानी
‘रूही’ एक छोटे शहर में रहने वाले दो लड़कों और उनकी जिंदगी में आई एक लड़की की कहानी है। भावरा (राजकुमार राव) और कट्टानी (वरुण शर्मा) जो कि छोटे गांव में रहते है जहाँ बागड़पुर नामक जगह में एक पुरानी प्रथा है ‘पकड़ विवाह’, जहां दुल्हन को किडनैप करके शादी की जाती है। भावरा और कट्टानी दोनों एक अखबार के लिए काम करते हैं, लेकिन साथ ही लड़कियों को किडनैप भी करते हैं और उनकी जबरदस्ती शादी करवाते हैं। उनकी लाइफ तब टर्न लेती है जब वह रूही(जाह्नवी कपूर) को पकड़ते हैं। रूही वो लड़की होती है जिसमें आफ्जा की आत्मा होती है और इसके बाद कहानी हो जाती है और भी मजेदार।
फिल्म समीक्षा
फिल्म के तीनों मुख्य कलाकारों- राजकुमार राव, जान्हवी कपूर और वरुण शर्मा ने अपने-अपने हिस्से में अच्छा काम किया है। वरुण और राजकुमार की जुगलबंदी, कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी काफी परफेक्ट है। फिल्म के शुरुआत में दोनों के जबरदस्त सीन्स है जो प्यार की तलाश में हैं।
राजकुमार नोएडा के एक पत्रकार हैं जिन्हें सच्चे प्यार का इंतजार है। जाह्नवी के फिल्म में कम डायलॉग हैं, लेकिन अपनी आंखों और बॉडी लैंगवेज से वह दर्शकों के साथ अच्छे से इंटरैक्ट कर पाएंगी। एक सहमी, डरी लड़की से अचानक चुड़ैल बन जाना इस ट्रांसफॉर्मेशन को जाह्नवी ने अच्छे से फॉलो किया है। इस फिल्म में जाह्नवी को देखकर आप भी कहेंगे कि उन्होंने अपनी एक्टिंग, फेस एक्सप्रेशन्स पर बहुत काम किया है और उनकी मेहनत इस करेक्टर में दिख रही है।
डायलॉग्स शानदार हैं जो हंसा-हंसाकर आपके पेट में दर्द कर देंगे और इन डायलॉग्स की वजह से फिल्म इतनी मजेदार है। सिनेमाटोग्राफी और म्यूजिक भी फिल्म का बहुत अच्छा है, लेकिन इन सबमें जिनकी तारीफ यहां जरूर होनी चाहिए वो हैं फिल्म के डायरेक्टर हार्दिक मेहता। उन्होंने हर सीन, डायलॉग और बाकी चीजों को सही जगह पर फिट किया है।
संगीत
फिल्म के म्यूजिक की बात करें तो ‘नदियों पार’ और ‘पनघट’ ये दो गाने मुख्य हैं। ये दोनों ही गाने फिल्म की शुरुआत और अंत में क्रेडिट्स के साथ दिखाए गए हैं। सचिन-जिगर का संगीत फिल्म खत्म होने के बाद ही दर्शकों के साथ रहता है। कुल मिलाकर, फिल्म हॉरर-कॉमेडी है और इसके साथ न्याय भी करती है। फिल्म में अच्छा खासा एंटरटेनमेंट का डोज है और थिएटर में बैठकर बड़े पर्दे पर दोबारा किसी फिल्म का लुत्फ उठाने के लिहाज से भी अच्छा विकल्प है।
क्या अच्छा, क्या बुरा
ज्यादा तो नहीं, लेकिन किसी-किसी जगह पर फिल्म में कुछ कमी दिखी जैसे कुछ सीन्स की जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी उन्हें दिखाया गया. वहीं किसी सीन में लापरवाही भी दिखी जैसे जाह्नवी के चेहरे के लेफ्ट साइड पर एक निशान था और जब फ्रेम शिफ्ट होता है तब भी वो निशान दिखता है। आज के समय में जहां टेक्नोलॉजी और ग्राफिक्स इतने हाई लेवल पर काम कर रहा है, वहां ऐसी गलती एक्सपेक्टेड नहीं है। एनिमेशन पर भी और अच्छे से काम किया जा सकता था। खैर इन सब चीजों को नजर अंदाज करें तो फिल्म काफी अच्छी है।
क्यों देखें
साल भर घर में बंद ऊब चुके हैं और सिनेमाघर जाने का आनंद लेना चाहते हैं, तो रूही देखी जा सकती है। थिएटर्स खुलने के बाद एक अच्छी एंटरटेनिंग फिल्म सामने आई है जिसे आप परिवार के साथ देख सकते हैं। अगर आपको स्त्री फिल्म पसंद आई थी तो यकीन मानिए इस फिल्म को देखकर भी आप पछताएंगे नहीं। स्ट्रेस भरे इस माहौल में ये एंटरटेनिंग फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए।