नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) हरियाणा (Haryana) में गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर 12ए में उस स्थान पर शुक्रवार को गोवर्धन पूजा में शामिल हुए, जहां मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोग हर हफ्ते नमाका अदा किया करते थे। पूजा का आयोजन Hindu संगठन, संयुक्त Hindu संघर्ष समिति ने किया था। गुरुग्राम पुलिस (Gurugram Police) के एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को उस स्थान पर नमाका अदा नहीं की जानी थी। मिश्रा ने वहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समिति ने राह दिखाई है कि शांतिपूर्ण तरीके से विचार कैसे रखे जाते हैं।
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सार्वजनिक स्थान पर नमाज करने पर आपत्ति जताते हुए मिश्रा ने कहा, अगर विभिन्न धर्मों, पंथों और संप्रदायों के लोग हर हफ्ते एक दिन खुले सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा लेते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप सभी सड़कें और पार्क अवरुद्ध हो जाएंगे। मिश्रा ने कहा, हमें सड़क पर चलने, अपने दफ्तर, अस्पताल, कार्यस्थल जाने और व्यवसाय चलाने की स्वतंत्रता चाहिए। अगर एक समुदाय के लोग हर हफ्ते इस स्वतंत्रता को छीन लें, तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। विश्व में कहीं भी इसकी अनुमति नहीं है।’’
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही ‘तमाशा’ पहले शाहीनबाग में किया गया था। मिश्रा ने कहा, उन्होंने सड़कों को बाधित करके तमाशा किया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या उसके चलते सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) रद्द कर दिया गया? उन्होंने कहा, हमारे देश का संविधान सभी को समान अधिकार देता है लेकिन सड़कें अवरुद्ध करना किसी की आस्था का हिस्सा नहीं हो सकता है।’’ समिति ने पहले घोषणा की थी कि वह सभी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का विरोध करने के लिए गोवर्धन पूजा करेगी।
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गुरुग्राम के सेक्टर 12 में 29 अक्टूबर को जुमे (शुक्रवार) की नमाका में कथित रूप से बाधा डालने के लिए एकत्र हुए करीब 30 लोगों को पुलिस ने कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया था। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के बीच, मुख्य तौर विभन्न Hindu संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने पिछले शुक्रवार को ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोग नमाका अदा करने के लिए स्थल पर पहुंचते रहे। तीन साल पहले, जिला प्रशासन ने शहर में मुसलमानों के लिए जुमे की नमाका अदा करने के वास्ते 37 स्थान निर्धारित किए थे जिसके बाद कुछ Hindu समूहों ने विरोध किया था। कुछ महीने पहले एक समूह ने खुले में नमाका पढऩे का विरोध शुरू किया, जिसके बाद पिछले एक महीने से शुक्रवार को प्रदर्शन हो रहे हैं।
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