नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने देश की जनता की आर्थिक स्थिति (Economic condition) बिगाड़ कर रख दिया है। ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए मोदी सरकार (Modi government) हर संभव प्रयास कर रही है। अब सरकार ने मजदूरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए प्रोफेसर अजीत मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय ने जारी किया आदेश
श्रम मंत्रालय (labor Ministry) ने एक बयान में कहा, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है और न्यूनतम मजदूरी तथा राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण पर तकनीकी जानकारी और सिफारिश देने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है।
मालूम हो कि देश में विभिन्न श्रेणियों के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी (Minimum wage) अलग-अलग है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी का तात्पर्य ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है। समूह का गठन अधिसूचना की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए किया गया है। यह समूह मजदूरी दरों को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को देखेगा और मजदूरी निर्धारण के लिए एक वैज्ञानिक मानदंड विकसित करेगा।
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समिति में ये विशेषज्ञ शामिल
आपको बता दें कि विशेषज्ञ समूह की अध्यक्षता इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के निदेशक प्रोफेसर अजीत मिश्रा करेंगे। विशेषज्ञ समूह के सदस्यों में प्रोफेसर तारिका चक्रवर्ती (आईआईएम कलकत्ता) अनुश्री सिन्हा (सीनियर फेलो, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च), विभा भल्ला (संयुक्त सचिव) एच श्रीनिवास (महानिदेशक, वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट) शामिल हैं।