नई दिल्ली। कोरोनाकाल और उसके बाद पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) का हर नए दिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहा है। ऐसे में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी को अपने खर्चों में कटौती के लिए मजबूर कर दिया है। हालात यह हैं कि लोगों को घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। बाजार में खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर सब्जी के दाम बढ़ रहे हैं, पेट्रोल-डीजल के दामों में तो लगातार वृद्धि हो ही रही है।
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बता दें कि दो दिनों की स्थिरता के बाद बुधवार को फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गयी जिसके साथ ही देश भर में ईँधन की कीमतें एक नयी ऊंचाई पर पहुंच गयीं। सरकारी खुदरा ईंधन विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 106.19 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 112.11 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी। वहीं मुंबई में, डीजल अब 102.89 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, जबकि दिल्ली में इसकी कीमत 94.92 रुपये प्रति लीटर है।
इस वृद्धि के साथ, पेट्रोल अब सभी राज्यों की राजधानियों में 100 रुपये प्रति लीटर या उससे अधिक हो गया है, जबकि डीजल एक दर्जन से अधिक राज्यों में सैकड़े के स्तर को छू गया है। पणजी और रांची में भी डीजल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया। सबसे महंगा ईंधन राजस्थान के सीमावर्ती शहर गंगानगर में है जहां पेट्रोल 118.23 रुपये प्रति लीटर और डीजल 109.04 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।
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बता दें कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में कीमतों में बदलाव में तीन सप्ताह के लंबे अंतराल को समाप्त करने के बाद से, पेट्रोल की कीमतों में यह 17वीं वृद्धि है और डीजल की कीमतों में 20वीं बार वृद्धि हुई है। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल की कीमत पहले से ही 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, डीजल की दरें मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, कर्नाटक, झारखंड, गोवा और लद्दाख सहित एक दर्जन से अधिक राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों में उस स्तर को पार कर गयी हैं।