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Thursday, April 18, 2024

Chanakya Niti:जाने महामारी के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं

नई दिल्ली। भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य का नाम बहुत सम्मानित तरीके से लिया जाता है। उन्हें पुरातन भारत के महान विद्वान होने की संज्ञा प्राप्त है और उनके नीति शास्त्र जिसे चाणक्य नीति के रूप में जाना जाता है। अर्थशास्त्र और युद्ध कौशल के साथ रणनीति के बड़े जानकार चाणक्य ने समाज और लोगों के व्यवहार को लेकर भी कई सारी बातें कही हैं।

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आचार्य चाणक्य तक्षशिला के चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार के साथ साथ अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है। आचार्य चाणक्य ने जो भी योजनाएं अमल में लाई उन पर पूरा शोधकार्य किया था। वास्तविक स्थिति को जान और समझकर रणनीति तैयार की। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी कुछ समस्याओं का समाधान बताया है।

आचार्य चाणक्य नीति महामारी और युद्ध जैसे हालातों पर भी सीख देती है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि महामारी और युद्ध जैसे इन हालातों का सामना व्यक्ति को कैसे करना चाहिए। उसे महामारी और युद्ध के दौरान कैसा व्यवहार और आचरण करना चाहिए। इस वक्त देश कोरोना से जैसी महामारी से जूझ रहा है। इसकी वजह से आम जनमानस अस्त व्यस्त है। ऐसे में आचार्य की नीतियों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

आचार्य चाणक्य का कहना था कि जब महामारी जैसा संकट आज जाए तो व्यक्ति को परेशान नहीं होना चाहिए। उसको सतर्क और सावधान रहना चाहिए और सूझबूझ से फैसले लेने चाहिए। घबराने या परेशान होने से कभी भी समस्या का समाधान नहीं मिल सकता। इन हालातों में भी व्यक्ति को सकारात्मक सोच के रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

जीवन में सुख और दुख का सिलसिला चलता ही रहता है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करता। वो हमेशा दूसरों के लिए परोपकार की भावना रखता है। व्यक्ति की ये भावना उसको श्रेष्ठ बनाती है और समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाती है।

अगर युद्ध के हालात हों, तो भी कभी डरना नहीं चाहिए. हमेशा याद रखें कि संकट के समय ही व्यक्ति की प्रतिभा की पहचान होती है। अगर आप में हिम्मत और हौसला है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। अपने अंदर हालातों से निपटने का जज्बा लाएं और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं। इसके साथ ही समस्या के समाधान और बचाव को लेकर चिंतन करते रहना चाहिए।

चाणक्य के अनुसार यदि शत्रु आपसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली है तो जोश की बजाय होश से काम लें. यदि आप उसे चुनौती देकर ललकारेंगे तो निश्चित तौर पर परास्त हो जाएंगे। ऐसे में अपनी सूझबूझ से शत्रु को परास्त करें। जरूरत पड़ने पर छिप जाने में में भी कोई बुराई नहीं है।

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आचार्य चाणक्य लिखते हैं, तिनका बहुत हल्का होता है लेकिन तिनके से भी हल्की रूई होती है और इससे भी हल्का होता है याचक यानी कुछ भी मागने वाला। अगर ऐसा सोचना सही है तो ऐसा याचक हवा से उड़ा क्यों नहीं दिया जाता मतलब इतने हल्के इंसान को तो हवा को ही उड़ाकर ले जाना चाहिए।

जाने महामारी के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं

  • चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन को बेहतर बनाने के तरीके के साथ ही दुष्ट लोगों से बचने के उपाय भी बताए हैं।
  • व्यक्ति को परेशान नहीं होना चाहिए।
  • अपनी सूझबूझ से शत्रु को परास्त करें।
  • किसी भी परिस्थिति में धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर छिप जाने में में भी कोई बुराई नहीं है।
  • अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं।
  • व्यक्ति को सकारात्मक सोच के रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

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Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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