नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान जिस तरह से हिंसा भड़की, उसके भयावह रूप लेने की आशंका थी। लेकिन योगी सरकार ने किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से बातचीत कर विपक्षी पार्टियों के सारे एजेंडो को फेल कर दिया है। बता दें रविवार की शाम यूपी के लखीमपुर खीरी में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई। दुख बांटने की कहे तो गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों के नेताओं ने फौरन राजनीति शुरू कर दी। दिल्ली ही नहीं, छत्तीसगढ़ और पंजाब से भी नेता लखीमपुर के लिए निकल पड़े।
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी के विरोध में बने माहौल को लपकने के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रियंका गांधी ने हिरासत में विरोध के तौर पर झाड़ू लगाया। अखिलेश यादव को लखीमपुर जाने नहीं दिया गया तो वह लखनऊ में ही सड़क पर धरना देने लगे। शिवपाल यादव घर में नजरबंद किए गए तो दीवार फांदकर भाग निकले। ऐसें में इन नेताओं की फुर्ती बता रही थी कि चुनाव से पहले विपक्ष इस मामले को भुनाना चाह रहा है।
Lakhimpur Kheri Violence: गृह राज्यमंत्री के बेटे समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
विपक्ष का एजेंडा टाई टाई फिश
दूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लखनऊ में पल-पल का अपडेट ले रहे थे। हिंसक विरोध के बाद मामले को संभालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी। और उन्होंने 20 घंटे के भीतर कुछ इस तरह से हालात को संभाला कि विपक्ष की सारी सियासत धरी की धरी रह गई। जो माहौल सुबह से गरमाया हुआ था दोपहर 1 बजते-बजते हवा हो गया… किसान नेता राकेश टिकैत और प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार की साथ में प्रेस कॉफ्रेंस की तस्वीरें देखते ही विपक्ष की आवाज ठंडी पड़ गई। आखिरकार योगी सरकार का इस हिंसक घटना पर 24 घंटों के भीतर समझौता हो गया। आइए, आपको बताते हैं कि इस मामले में कब-कब क्या हुआ?
03 अक्टूबर
शाम 3.45 बजे: सबसे पहले खबर आई कि लखीमपुर खीरी में सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा ने किसानों पर कार चढ़ा दी। गुस्साए किसानों ने मोनू की 2 गाड़ियां फूंक दी गईं। इस दौरान एक पत्रकार भी घायल हुआ जिसकी सोमवार को मौत हो गई। इस वक्त तक जिले के तिकोनिया इलाके में भारी बवाल हो चुका था।
शाम 4.10 बजे: जिले के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के मौके पर मौजूद होने की सूचना आती है। मिश्र के गांव में डेप्युटी सीएम का तय कार्यक्रम बीच में रोक दिया गया। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
शाम 4.20 बजे: किसान मोर्चा ने दो किसानों की मौत और 8 के घायल होने का दावा किया।
शाम 5.00 बजे: मंत्री अजय मिश्र का एक वीडियो सामने आता है। इसी बयान के बाद से लोगों में आक्रोश भड़का।
शाम 6 बजे: संयुक्त किसान मोर्चा एक प्रेस रिलीज जारी कर गृह राज्य मंत्री और समर्थकों पर तुरंत हत्या के मामले दर्ज करने औश्र मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की।
शाम 6.08 बजे: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ट्वीट करती हैं कि ‘भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे?’
रात 7.17 बजे: बसपा अध्यक्ष मायावती ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट से घटना का स्वत: संज्ञान लेने की अपील करती हैं।
रात 8.30 बजे: अजय मिश्र का बयान आता है। वह कहते हैं कि हिंसा में ‘हमारे चार लोगों को पीट-पीट कर मार दिया गया, मारे जाने वालों में तीन भाजपा कार्यकर्ता, एक कार चालक है।
रात 8.50 बजे: लखीमपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं।
रात 9.30: पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने लखीमपुर जाने की घोषणा की।
रात 10.15 बजे: किसान नेता राकेश टिकैत का काफिलाबरेली से पीलीभीत होते हुए लखीमपुर के लिए निकला।
4 अक्टूबर
रात 12 बजे: प्रियंका गांधी को लखनऊ में नजरबंद किया गया गया। राकेश टिकैत पीलीभीत पहुंचे। सतीश मिश्रा हाउस अरेस्ट। प्रियंका गांधी के लिए पुलिस फोर्स लगाई गई।
रात 12.37 बजे: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद खैराबाद टोल प्लाजा पर रोके गए।
सुबह 5.45 बजे: लखीमपुर खीरी पहुंचे राकेश टिकैत से बात करने डीएम अरविंद चौरसिया और एसपी विजय ढुल पहुंचे।
सुबह 6.20 बजे: राकेश टिकैत ने किसानों के साथ चर्चा करके अपना मांग पत्र प्रशासन को सौंपा…
सुबह 7.15 बजे: किसानों की मौत मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया…
सुबह 7.18 बजे: किसान और प्रशासन के बीच एक बार फिर बैठक शुरू। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत समेत 12 लोग मौजूद, बैठक में लखीमपुर के DM-SP मौजूद हैं।
सुबह 9.06 बजे: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बहन प्रियंका के समर्थन में ट्वीट किया।
सुबह 9.45 बजे: दिल्ली-एनसीआर के कई बॉर्डर्स बंद किए गए।
सुबह 9.50 बजे: लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने अखिलेश यादव के घर के बाहर पुलिस जीप में आग लगाई।
सुबह 9.55 बजे: शिवपाल यादव के दीवार फांदकर भागने की खबर आई। हालांकि बाद में उन्हें पुलिस ने फिर हिरासत में ले लिया।
सुबह 10.10 बजे: पुलिस ने अखिलेश यादव को हिरासत में लिया। रामगोपाल यादव और अन्य कार्यकर्ता भी हिरासत में।
सुबह 10.30 बजे: लखीमपुर हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत।
सुबह 11 बजे: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई। डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना समेत आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
दोपहर 12.40 बजे: किसानों और प्रशासन में सहमति बनी। मृतकों के आश्रितों को नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा, किसानों के परिजनों को 45 लाख का मुआवजा, घटना की न्यायिक जांच होगी, घायलों को 10 लाख का मुआवजा।
दोपहर 12.50 बजे: उत्तर प्रदेश सरकार और किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में समझौते का ऐलान के साथ सबकुछ योगी सरकार के कंट्रोल में।