नई दिल्ली। बिहार की सियासत में इस वक्त काफी हलचल मची हुई है। वजह ये है कि नीतीश कैबिनेट (Nitish cabinet) के मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) ने गुरुवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी। मदनी सहनी ने इस्तीफे के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के अफसरों के तानाशाही रवैये की वजह से इस्तीफे की पेशकश किया हूं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अधिकारी तो अधिकारी विभाग के चपरासी भी मेरी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में मैं पार्टी में बना रहूंगा लेकिन मंत्री पद से इस्तीफे दूंगा।
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मदन सहनी ने की इस्तीफे की पेशकश
बिहार की नीतीश कुमार सरकार को बड़ा झटका लगा है। बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। मदन सहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोग बरसों से तानाशाही झेल रहे हैं, लेकिन अब बहुत ज्यादा हो रहा जो बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा लंबे समय तक अधिकारियों से परेशान होने के बाद मैंने यह कदम उठाया है। सहनी ने कहा कि लोग कहते हैं कि नेता चोर हैं और मैं कहता हूं कि अधिकारी चोर हैं।
सहनी के समर्थन में उतरे पूर्व CM मांझी
बिहार में हाई वोल्टेज ड्रामे के तहत पहले नीतीश कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफा दे दिया है। अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के सुप्रीमों जीतन राम मांझी ने मदन साहनी का खुलकर समर्थन किया है। मांझी ने सीधे तौर पर गुरुवार को कहा कि मुझे यह नहीं पता कि मदन सैनी इस्तीफा दे रहे हैं या नहीं लेकिन यह बात सही है बिहार में विधायकों और कई मंत्रियों की बातों को अधिकारी तरजीह नहीं देते।
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3 महीने में गिरने सकती है नीतीश सरकार
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला कर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से दावा किया है कि कि नीतीश सरकार अगले तीन महीने में गिर जाएगी। तेजस्वी ने ये बाते दिल्ली से लौटने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच कही है। उन्होंने कहा आप लोग 2-3 महीने इंतजार कीजिए, सरकार गिरनेवाली है।
तेजस्वी क्यों कर रहे सरकार गिराने का दावा
मदन सहनी का इस्तीफे की पेशकश से नतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। दूसरी तरफ तेजस्वी सरकार गिराने का दावा कर रहें है। ऐसे में नीतीश और एनडीए के लिए माझी और सहनी बड़ी परेशानी बन सकते हैं, इनकी बगावत से राजद के लिए नीतीश के विधायकों को तोड़ना आसान हो जाएगा और यही वजह है कि तेजस्वी बार-बार नीतीश की सरकार को गिराने का दावा कर रहे हैं।
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नीतीश कुमार ने किया जेडीयू को कमजोर
2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग पासवान (Chirag Paswan) के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एलजेपी को तोड़ने में जुट गए। अंतत: सफल भी हुए और एलजेपी दो गुटों में बट गई। एक गुट चिराग के चाचा पशुपति पारस के साथ है जो सीएम नीतीश के समर्थन में है। तो वहीं दूसरा खेमा चिराग पासवान के साथ है। लेकिन शायद नीतीश कुमार दूसरे के घर को तोड़ने के चक्कर में अपनी ही पार्टी को कमजोर कर बैठे। यही वजह है कि नीतीश कैबिनेट के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश कर ही है और इसका हम पार्टी के मुखिया जीतन राम माझी ने खुलकर समर्थन किया है।
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नीतीश को अपने अफसरों पर भरोसा
नीतीश कुमार बिहार की सत्ता को साल 2005 से संभाल रहे है। बता दें कि ये हकीकत है कि नीतीश कुमार को अपने अफसरों पर ज्यादा भरोसा रहता है। पूरा देश जानता है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के खासे पसंदीदा नेताओं में से एक हैं।
‘चंचल कुमार तो मंत्री तक का फोन नहीं उठाते’
बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में अफसरशाही का हाल ऐसा है कि सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार उनका फोन तक नहीं उठाते हैं और ना ही कॉलबैक करते हैं। मंत्री ने कहा कि उनके विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद की तानाशाही के सामने उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। मदन सहनी से जब पूछा गया कि इस मामले पर नीतीश कुमार के संज्ञान में क्यों नहीं लाया। तब मदन सहनी ने जवाब देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को सब मालूम है।
कौन हैं नीतीश के चहेते चंचल कुमार
चंचल कुमार 1992 बैच के आईएएस अधिकारी है। चंचल कुमार (Chanchal Kumar) बिहार की ब्यूरोक्रेसी में सबसे पावरफुल अधिकारियों में एक हैं। बता दें कि चंचल कुमार नीतीश कुमार के काफी चहेते है, आप इससे भी ्नुमान लगा सकते है कि जब नीतीश कुमार (1998-99) रेल मंत्री थे, तब से ही उनके साथ हैं। चंचल कुमार अक्सर 2-3 विभागों को संभालते हैं। चंचल कुमार के बारे में ये भी कहा जाता है कि ये ब्यूरोक्रेट के साथ अच्छे टेक्नोक्रेट भी हैं। यही वजह है कि मंत्री भी इनसे संभलकर ही रहना चाहते हैं।
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ट्रांसफर-पोस्टिंग से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि मदन सहनी बिहार में नौकरशाही से परेशान है। उन्होंने कहा कि ऐसे पद पर रहने से कोई फायदा नहीं, जब वो आम आदमी का कोई काम नहीं करा सकते। उन्होंने यहां तक कह दिया उनके विभाग में चपरासी भी नहीं सुनता है। मदन सहनी ने कहा है कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि मदन सहनी समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग को नाराज है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी, लेकिन प्रधान सचिव ने ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया था।