नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले में राजनीतिक चहलकदमी जारी है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से तीन सदस्यीय समिति गठित किए जाने की पृष्ठभूमि में दावा किया कि इस इजरायली स्पाईवेयर की खरीद भारत सरकार ने की थी।
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पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा-पेगासस विवाद में उच्चतम न्यायालय के विवेकपूर्ण और साहसिक आदेश के बाद, पहला आवरण हट गया है। कल, इज़राइल के राजदूत ने सार्वजनिक रूप से कहा कि पेगासस स्पाइवेयर केवल सरकार को बेचा गया था। इसका मतलब यह है कि भारत के मामले में, खरीदार निश्चित रूप से भारत सरकार थी।
क्या दूरसंचार मंत्री यह स्वीकार करेंगे कि पेगासस का खरीदार भारत सरकार था?
अगर वह चुप रहते हैं, तो उनके रिपोर्ट कार्ड पर धब्बा बना रहेगा।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 29, 2021
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने एक और द्वीट के जरिए यह भी कहा, क्या दूरसंचार मंत्री यह स्वीकार करेंगे कि पेगासस की खरीदार भारत सरकार थी ? अगर वह चुप रहते हैं, तो उनके रिपोर्ट कार्ड पर धब्बा बना रहेगा।
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दरअसल, भारत में इजराइल के नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन ने स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल संबंधी विवाद को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि एनएसओ जैसी कंपनियां अपने उत्पाद गैर सरकारी संस्थाओं, संगठनों या व्यक्तियों को नहीं बेच सकतीं।
गिलोन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गत बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं नेताओं समेत भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और कहा था कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर बच नहीं सकती।