नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर ने ड्रोन एक नए खतरे के रूप में सामने आया है। पहले इन ड्रोन से पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इलाकों में हथियार, मादक पदार्थ की डिलीवरी की जाती थी, लेकिन अब इनसे बम धमाके भी किये जा रहे है। देश में पहली बार किसी वायुसैनिक हवाईअड्डे पर ड्रोन की मदद से आतंकी हमला किया गया है। ड्रोन से हुए इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था की सटीकता पर भी सवाल उठा दिए है।
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ड्रोन की मदद से हथियार, मादक पदार्थ और अब धमाके
वायुसैनिक हवाईअड्डे पर हुए बम धमाके से पहले जम्मू कश्मीर में अभी तक 8 बार ड्रोन की मदद से हथियार और मादक पदार्थ की डिलीवरी की जा चूकी है।
- पिछले साल 14 मई को सीमा सुरक्षा बल ने जम्मू में पाकिस्तान से एक संदिग्ध ड्रोन का पता लगाया था। इस ड्रोन ने सांबा सेक्टर के एक खेत से पीले पॉलीथिन को ड्राप किया था, जिसमें एक एके-47 राइफल, एक पिस्टल, एक मैगजीन राउंड, 9 एमएम के हथियार के लिए 15 राउंड गोलियां बरामद की थी।
- तो वहीं पिछले ही साल 20 जून को बीएसएफ ने एक और ड्रोन को भी मार गिराया था । जानकारी के अनुसार ड्रोन हेक्साकॉप्टर मॉडल हथियार और गोला-बारूद ले जा रहा था। इससे पहले पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पंजाब के कुछ इलाकों में भी ड्रोन देखा जा चूका है। जहाँ ड्रोन की सहायता से पंजाब में मादक पदार्थ की डिलीवरी की जाती है।
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क्या फिर होगी एयरस्ट्राइक ?
रविवार एयरफोर्स बेस पर हमले के बाद जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास फिर से दो ड्रोन देखे गए। जिसको देखते ही सेना के जवानों ने करीब 25 राउंड फायरिंग कर दी। जिसके बाद ड्रोन अंधेरा का फायदा उठा वहां से गायब हो गया । इस तरह लगातार ड्रोन के दिखाई देने से सुरक्षा बल पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं। सरकार भी इसे गंभीरता से ले रही है और पाकिस्तान को इसका माकूल जवाब देने की तैयारी कर रही है। अगर पाकिस्तान इस तरह की साजिश करता रहा,तो फिर से सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक करने से भारत सरकार अपने को रोक नहीं पाएगी।