नई दिल्ली। दिल्ली- नोएडा में हर साल सर्द मौसम जैसे ही आता है वैसे ही प्रदूषण देखने को मिल जाता है। केन्द्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक हवा की गति में ठहराव के चलते अभी हवा में प्रदूषण का स्तर बना रहेगा। जबकि, शुक्रवार के बाद मौसम में बदलाव होने से राहत मिलेगी। कोरोना के साथ प्रदूषण का होना यहां रहने वाले लोगो के लिए सही नहीं है।
हवा में फैला प्रदुषण
राजधानी दिल्ली की हवा अगले तीन दिनों तक बेहद खराब श्रेणी में ही रहने के आसार हैं। केन्द्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक हवा की गति में ठहराव के चलते अभी हवा में प्रदूषण का स्तर बना रहेगा। जबकि, शुक्रवार के बाद मौसम में बदलाव होने से राहत मिलेगी।
दिल्ली के लोग लगातार ही खराब हवा में सांस ले रहे हैं। हवा की गति में थोड़ा इजाफा होने और कोहरे में आई थोड़ी कमी के चलते प्रदूषण के स्तर में भी मामूली सुधार हुआ है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 383 के अंक पर रहा। सोमवार की तुलना में इसमें 17 अंकों का सुधार हुआ है।
सोमवार को सूचकांक 400 के अंक पर रहा था। दिल्ली के 15 निगरानी केन्द्र ऐसे हैं जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के अंक के ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में है। शाम के पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 351 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 214 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही।
मानकों के अनुसार हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 से नीचे और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे रहनी चाहिए। तभी उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इस अनुसार अभी भी दिल्ली की हवा में साढ़े तीन गुने से ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।
सफर के मुताबिक दिल्ली की हवा में अब पराली के धुएं का प्रभाव नगण्य रह गया है। हालांकि, सोमवार के दिन पराली जलाने की 211 घटनाएं दर्ज की गई हैं। लेकिन, इनकी वजह से दिल्ली के प्रदूषण में इजाफे न के बराबर रही। सफर का कहना है कि दिल्ली का प्रदूषण अब जाड़े के समय वाली रंगत में आ गया है।