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Tuesday, April 16, 2024

Science News: पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर मिला दूसरा Solar System

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों (Scientists) ने उन ग्रहों (Planets) के बारे में ज्यादा जानने के लिए होली ग्रेल सोलर सिस्टम (Solar System) की जांच आरम्भ कर दी है। जहां जीवन (Life) मौजूद हो सकता हैं। नासा (NASA) के इस सोलर सिस्टम के केंद्र में स्थित तारा ट्रैपिस्ट -1, 2017 में जब खोजा गया, तब यह धरती (Earth) जैसा दिखता था। तब से खगोलविदों ने सोलर सिस्टम के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि – इसमें ऐसे कई ग्रह मौजूद हैं जहां जीवन मौजूद हो सकता है।

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विज्ञान से सम्बंधित एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। नई रिसर्च से पता चलता है कि – सात ग्रह धरती से बहुत अलग हैं। किन्तु, अपनी कक्ष में सटीक रूप से एकसाथ हैं। ये ग्रह संगीत के नोट्स की तरह व्यवस्थित भी हैं. इसलिए, वैज्ञानिक इनके लिए Harmony शब्द का प्रयोग करते हैं। नई रिसर्च में वैज्ञानिकों को उन ग्रहों के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करती है।

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यह बताती है कि – ये ग्रह कैसे बने जिससे यह पता चल सकता है कि – क्या ग्रहों पर जीवन आरम्भ करने के लिए आवश्यक जल और अन्य सामग्री मौजूद है। फिलहाल, अनुमान कहते हैं कि – ये ग्रह धरती से 10 गुना तेज बने होंगे। विशेषज्ञ रिसर्च के लिए जटिल प्रक्रियाओं पर निर्भर हैं, क्योंकि वह 40 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित ग्रहों की चट्टानों का भौतिक निरीक्षण नहीं कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ बोर्डो के एस्ट्रोफिजिसिस्ट सीन रेमंड ने एक बयान में कहा कि – चट्टानी ग्रहों के बनने के बाद उनमें चीजें टकराती हैं, इसे बॉम्बार्डमेंट या लेट एक्सरेशन कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि – हम इस पर ध्यान देते हैं क्योंकि ये प्रभाव जल और जीवन को बढ़ावा देने वाले अस्थिर तत्वों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं। अभी तक अमेरिकी स्पेस एजेंसी ‘नासा’ मंगल पर जीवन के प्रमाण ढूंढ रही है। ‘नासा’ के रोवर मंगल पर जांच कर रहे हैं और लगातार तस्वीरें भेज रहे हैं। माना जा रहा है कि – कई वर्ष पहले मंगल पर महासागर और नदियां मौजूद थे।

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Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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