नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले करीब दो महीने से जारी है। अबतक सरकार और किसान के बीच 10 राउंड की बैठक हुई, लेकिन सारे बैठक बेनतीजा रहा है। इसी कड़ी में आज सरकार के साथ किसानों की 11वें राउंड की बैठक हुई। बैठक में सरकार ने किसानों दो टूक में कहा कि हम इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते है। वहीं सरकार और किसानों के बीच अगली वार्ता की तारीख तय नहीं हुई है।
सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया: राकेश टिकैत, किसान नेता #FarmersProtest pic.twitter.com/YnUQo5eqQL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2021
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से हमे कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, इसके आलावे सरकार ने कोई अन्य प्रस्ताव नहीं दिया है।
इससे पहले 10वे राउंड की बैठक में केंद्र सरकार (Modi Government) तरफ से किसानों जो नया प्रस्ताव दिया गया था, उसके मुताबिक डेढ साल तक कृषि कानूनों को निलंबत कर कमिटी बनाने की सिफारिश की गई थी। इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज करते हुए कहा कि सरकार तीनों कानूनों को निरस्त करें और एमएसपी पर कानून बनाए, तभी ये आंदोलन समाप्त होगा।
ट्रैक्टर रैली पर SC ने कहा-किसानों को दिल्ली में एंट्री मिले या नहीं-पुलिस करेगी तय
पुलिस ने किसानों को दिल्ली में घुसने से किया मना
बता दें कि नए कृषि आंदोलन को लेकर 26 जनवरी के दिन किसान दिल्ली के रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से इनकार किया है। किसानों का कहना है कि पुलिस की ओर से केएमपी एक्सप्रेस वे पर छोटी रैली निकालने का ऑप्शन दिया गया, जिसे हमने ठुकरा दिया। वहीं इस मामले पर किसान नेताओं का कहना है कि वो अंतिम निर्णय किसान संगठनों की बैठक में ही लेंगे।
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दिल्ली पुलिस करेगी फैसला: सुप्रीम कोर्ट
ट्रैक्टर रैली को अदालत ने पहले ही कहा है कि पुलिस के पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार हैं।क्योकिं ‘‘दिल्ली में प्रवेश का मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है और पुलिस इस पर फैसला करेगी। पीठ ने कहा, अटॉर्नी जनरल, हम इस मामले की सुनवाई स्थगित कर रहे हैं।
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नए कृषि कानून पर फिलहाल रोक
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। और दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान संगठनों एवं केंद्र के बीच गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट को शामिल किया गया।