नई दिल्ली। बंगाल (West Bengal) के नंदीग्राम विधानसभा सीट लगातार सुर्खियों में है,10 मार्च को नामांकन भरने गईं ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर कथित हमले की ख़बर ने राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में अब TMC नेता सौगत राय ने आज अपने टीम के साथ चुनाव आयोग से मुलाकात की। और कहा कहा कि ममता बनर्जी पर जो हमला हुआ जिसमें उनको चोट लगी इसके साथ किसी घटना का लिंक है। वहीं हमले ईसी से उच्चस्तरीय जांच की मांग की। चुनाव आयोग ने कहा है हम इसे देखेंगे।
आज TMC की एक टीम ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। हमने कहा कि ममता बनर्जी पर जो हमला हुआ जिसमें उनको चोट लगी इसके साथ किसी घटना का लिंक है। ममता जी पर हमला हुआ तब पुलिस का कोई एसपी वहां नहीं था। हमने उच्चस्तरीय जांच की मांग की। चुनाव आयोग ने कहा है हम इसे देखेंगे: TMC नेता सौगत राय pic.twitter.com/a30ATs3JWt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021
TMC का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप, कहा-BJP के इशारे पर कर रहीं काम
इससे पहले कल यानि गुरूवार को टीएमसी के प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग (Election Commission) के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद निर्वाचन आयोग पर भाजपा नेताओं के आदेशानुसार काम करने का आरोप लगाया और कहा कि बनर्जी पर हमला हो सकने की रिपोर्ट के बावजूद निर्वाचन आयोग ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा जब ईसी प्रशासन का प्रभारी है, तो ममता बनर्जी पर हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा? ईसी को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी।
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क्या है पूरा मामला
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 10 मार्च को नंदीग्राम विधानसभा सीट के लिए अपना नामांकन कर दिया है। ममता के सामने नंदीग्राम सीट से बीजेपी के शुभेंद्रु अधिकारी चुनाव लड़ेगे। लेकिन उन सबके बीच तृण मूल कांग्रेस के मुखिया नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान चोटिल हो गईं। जहां उनके पैर पर चोट आई है। वहीं हमले के बाद ममता ने आरोप लगाया है कि उनपर हमला किया गया है। उन्हें कार में धक्का दिया गया था और जबरदस्ती दरवाजा बंद किया गया था।
Bengal Special: बंगाल के रण में दीदी Vs मोदी की जंग! TMC या BJP, जीत किसकी?
आपको बता दें कि बंगाल (West Bengal) में चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी जंग का शंखनाद हो गया है। इन दिनों पूरे देश की निगाहें सिर्फ और सिर्फ बंगाल चुनाव पर हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या Bengal में 10 साल से राज कर रहीं दीदी, मोदी और शाह की आंधी में अपनी शाख बचा पाएंगी या इन्हें अबकी बार शिकस्त का सामना करना पड़ेगा।