spot_img
41.1 C
New Delhi
Wednesday, June 12, 2024

अकाली दल का बड़ा ऐलान, पंजाब में सरकार बनी तो किसान आंदोलन में मारे गए …

नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों (Agricultural laws) को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान कृषि काननू को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। इस आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान भी चली गई। अब पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव (Assembly elections) है, ऐसे में किसानों को खुश करने लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी दाव खेल रही है। इस बीच आज अकाली दल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर पंजाब में सरकार बनी तो किसान आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देंगे।

Modi Cabinet Ministers के विभागों का ऐलान, जानें किसे मिला कौन-सा मंत्रालय

कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में

बता दें कि कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में ही देखने को मिला था। पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब तीन पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध किया, किसानों पर एक्शन की निंदा की और इसी के साथ अपना सम्मान वापस दिया। इसके अलावा अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा अभी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटा दिया था। प्रकाश सिंह बादल से पहले एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री और अकाली दल के नेता हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था। कौर ने इस्तीफा देते हुए मोदी सरकार पर हमला किया था और कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ छल किया है, साथ ही उन्होंने कहा आगामी चुनाव में अकाली दल पंजाब में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने की बात कही थी।

पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब तीन पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध किया, किसानों पर एक्शन की निंदा की और इसी के साथ अपना सम्मान वापस दिया। इसके अलावा अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा अभी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटा दिया था

फेरबदल: मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बदले गए 8 राज्यों के राज्यपाल

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी थी आंदोलन को हवा

नए कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में देखने को मिला था। तब उस समय पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर आकर धरना भी दिया था। इस दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार जमीनी हकीकत से दूर है। केंद सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है। तब उस किसानों को लगा आंदोलन को सही दिशा राजधानी दिल्ली से ही मिलेगी। इसके बाद क्या था धीरे-धीरे किसानों का दिल्ली के बॉडरों पर आना शुरू हो गया।

Harsh Vardhan के कैबिनेट से छुट्टी पर BTV BHARAT का सुपर सर्वे

किसान अपनी मांगो को लेकर अड़े

बता दें तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से भी ऊपर समय से चल रहा है। किसानों और सरकार के बीच कई बैठके हुई लेकिन सारी बैठके बेनतीजा रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को तीनों नए कानून वापस लेने होंगे, साथ ही MSP पर गारंटी देनी होगी। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका लंबे वक्त से विरोध हो रहा था। इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा पहुंचा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने बुधावार को किसान आंदोलन को लेकर चिंता जताई है। वहीं सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध समाप्त होगा।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

INDIA COVID-19 Statistics

45,035,393
Confirmed Cases
Updated on June 12, 2024 7:52 PM
533,570
Total deaths
Updated on June 12, 2024 7:52 PM
44,501,823
Total active cases
Updated on June 12, 2024 7:52 PM
0
Total recovered
Updated on June 12, 2024 7:52 PM
- Advertisement -spot_img

Latest Articles