नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) से अलग होते हुए बिहार में अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की है। झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) एवं जेएमएम एक साथ सरकार में हैं। जबकि, बिहार में दोनों की राहें अलग हो गईं हैं। जेएमएम (JMM) ने आरजेडी (RJD) पर राजनीतिक मक्कारी का आरोप लगाया है तथा तेजस्वी यादव (Tejashi Yadav) की समझदारी पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही बिहार में सात सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पार्टी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी जारी कर दिए हैं।
बिहार में जेएमएम व आरजेडी का गठबंधन टूटा
बिहार में जेएमएम व आरजेडी का गठबंधन टूट गया है। जेएमएम ने बिहार चुनाव में सात सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। साथ ही झाझा, कटोरिया, मनिहारी व एक अन्य सीट पर अपने प्रत्याशी को टिकट दे दिए हैं। आगे पार्टी ने धमदाहा, पीरपैंती व नाथनगर में भी चुनाव लड़ने की घोषणा की है। एजएमएम ने महागठंधन में उेढ़ दर्जन सीटों की मांग की थी, जिसके पूरे नहीं होने पर उसने यह कदम उठाया है।
जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुमितो भट्टाचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जेएमएम अपने सम्मान से समझौता नहीं कर सकता है। उसे खैरात नहीं चाहिए। झारखंड राज्य भी कोई खैरात में नहीं मिला था, यह संघर्ष कर लिया गया था।
आरजेडी को झारखंड याद दिलाई हैसियत
सुमितो भट्टाचार्य ने तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना उनको निशाने पर लिया। कहा कि जेएमएम ने 2019 के झारखंड चुनाव में आरजेडी को उसकी हैसियत से ज्यादा दिया था। जेएमएम ने आरजेडी को अंधेर घर में दीया जलाने का मौका दिया था। पता नहीं आज के ये नए नेता यह सब कैसे भूल जाते हैं।