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Tuesday, May 21, 2024

Bihar: पीएम बनने के लालच में सीएम की कुर्सी भी गंवाएंगे नीतीश कुमार!

नई दिल्ली। बिहार (Bihar) में सियासी समीकरण बदलने वाला है, जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitsih kumar) ने जातीय जनगणना के साथ-साथ अब एक और बहस छेड़ दिया है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश कुमार को पीएम मेटेरिएल बताया है, जिसके बाद से जदयू में बहस छिड़ी हुई है। इससे पहले जडयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पीएम पद का दावेदार बताकर बिहार की सियासत में हचलच पैदा कर दी थी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कह दिया था कि अभी पीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है।

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जदयू ने पारित किया प्रस्ताव

दरअसल अब जदयू के राष्ट्रीय परिषद में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि पीएम पद के लिए जिन योग्यताओं और जिस तरीके के समर्पण की जरूरत होती है वे सारे नीतीश कुमार के अंदर हैं। सबसे बड़ी बात है कि यह प्रस्ताव जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रखा और इसे सर्वसम्मति से पारित भी कर दिया गया। हालांकि, इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और वही एनडीए में पीएम पद के उम्मीदवार भी हैं, इसके कारण नीतीश कुमार इस पद के दावेदार नहीं हैं।

ज्ञात हो कि इस बैठक में करीब नौ प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें जातीय जनगणना के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया है कि जातीय जनगणना सवर्ण के खिलाफ नहीं है, क्योंकि वास्तविक आंकड़े मिले से सारी जातियों को फायदा होगा। इसके अलावा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने एनडीए कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग भी की, ताकि किसी तरह का कंफ्यूजन पैदा नहीं हो।

दरअसल, जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो प्रस्ताव पारित किए गए हैं, उससे नीतीश कुमार की महात्वाकांक्षा का पता चलता है.हालांकि, एनडीए में पीएम मोदी को ही पीएम उम्मीदवार बताया गया है। लेकिन, इससे जदयू ने इस ओर भी इशारा कर दिया है कि विपक्षी पार्टियों के पीएम उम्मीदवारों में उनके लिए भी जगह है, यह राजद के लिए भी इशारा है, क्योंकि लालू की पार्टी बिहार में सीएम की कुर्सी के बदले नीतीश कुमार को दिल्ली भेजने के लिए तैयार हो जाएगी। यही नहीं जदयू का यह प्रस्ताव विपक्षी पार्टियों के लिए भी एक संकेत है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें विपक्ष के गठबंधन में जगह दी जाएगी।

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सीएम की कुर्सी गंवाएंगे नीतीश कुमार

गौरतलब हो कि पिछले कुछ महीनों से नीतीश कुमार की पार्टी ने जिस तरह से एनडीए के खिलाफ बोलना शुरू किया है, उससे यही लगता है कि पीएम बनने के लालच में उनसे बिहार के सीएम की कुर्सी भी छीन जाएगी। नीतीश भले ही फिर से राजद के साथ जाने की योजना बना रहे हों, लेकिन भाजपा के पास भी बिहार के लिए एक प्लान है। अगर इस बार नीतीश कुमार राजद के साथ जुड़ेंगे, तो सबसे पहले उनकी पार्टी ही टूट जाएगी और इसके साथ-साथ राजद के टूटने की संभावना भी बनी हुई है। लालू परिवार के बीच चल रहे घमासान इसका उदाहरण है।

तेज प्रताप यादव ने पहले ही मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच चल रहे इस सियासी घमासान के कारण राजद में बगावत शुरू भी हो गई है। तेज प्रताप के हनुमान आकाश यादव ने पशुपति पारस की एलजेपी का दामन थाम लिया है और जगदानंद सिंह भी नाराज चल रहे हैं। ऐसे में जदयू और राजद के बिखराव से भाजपा के लिए आधार बन जाएगा, जिससे नीतीश कुमार न तो पीएम बन पाएंगे और न ही सीएम बने रह पाएंगे।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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