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Saturday, May 18, 2024

फेसबुक ने BJP विधायक राजा सिंह पर लगाया, प्रतिबंध

नई दिल्ली। घृणा भाषणों को लेकर अपनी नीति और कथित राजनीतिक पूर्वाग्रह के लिए विपक्षी दलों की आलोचनाओं से घिरी फेसबुक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने तेलंगाना के भाजपा (BJP) विधायक राजा सिंह को हिंसा तथा नफरत को बढ़ावा देने वाली सामग्री के संबंध में उसकी नीति का उल्लंघन करने के मामले में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंधित कर दिया है। उधर विधायक सिंह ने दावा किया कि उनका फेसबुक पर एक साल से अधिक समय से कोई खाता नहीं है।

फेसबुक (Facebook) ने एक अलग बयान में कांग्रेस से कहा कि कंपनी पक्षपात नहीं करती, वह हर तरह की नफरत तथा कट्टरता के खिलाफ है तथा इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रहती है कि उसके मंच लोगों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के स्थान बने रहें। वह विपक्षी पार्टी के इन आरोपों पर जवाब दे रही थी कि कंपनी नफरत वाले भाषणों पर अपनी नीति का पालन करते समय सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों के प्रति नरमी बरतती है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने या उसमें संलग्न होने वालों को हमारे मंचों से प्रतिबंधित करने की हमारी नीति का उल्लंघन करने पर हमने राजा सिंह को फेसबुक पर प्रतिबंधित कर दिया है।’

बयान के अनुसार उल्लंघन करने वाले संभावित व्यक्तियों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया व्यापक है और इसके जरिए फेसबुक ने भाजपा नेता का अकाउंट हटाने का निर्णय किया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद फेसबुक विवादों में घिरी है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि फेसबुक की विषयवस्तु संबंधी नीतियों में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति पूर्वाग्रह होता है। फेसबुक की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए तेलंगाना से भाजपा के इकलौते विधायक सिंह ने दावा किया कि अप्रैल 2019 से उनका कोई फेसबुक एकाउंट नहीं है और फेसबुक ने हाल ही में जिन पेज को प्रतिबंधित किया है, हो सकता है उन्हें उनके फॉलोवरों ने बनाया हो।

सिंह ने बताया कि उन्होंने हैदराबाद पुलिस के साइबर अपराध विभाग को आठ अक्टूबर, 2018 को पत्र लिखा था कि उनका आधिकारिक फेसबुक पेज हैक हो गया है। सिंह ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उन्होंने पुन: एक नया पेज शुरू किया जिसे अप्रैल 2019 में हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘इसलिए अप्रैल 2019 से मैं फेसबुक पर ही नहीं हूं, इसलिए मुझे प्रतिबंधित करने का कोई सवाल ही नहीं है। क्या फेसबुक कांग्रेस के दबाव में काम कर रही है।’

सिंह ने यह भी कहा कि वह फेसबुक को पत्र लिखकर उनका आधिकारिक खाता खोलने को कहेंगे। उन्होंने कहा कि वह इसमें सभी नियमों का पालन करेंगे। एक अलग वीडियो संदेश में भाजपा विधायक ने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘झूठे’ बयान देते हैं। उन्होंने मांग की कि पूरी पड़ताल के बाद फेसबुक से कांग्रेस (Congress) और एआईएमआईएम पार्टियों के खाते हटा दिये जाने चाहिए।

इस बीच, विपक्षी कांग्रेस की चिंताओं पर जवाब देते हुए फेसबुक के सार्वजनिक नीति, ट्रस्ट और सुरक्षा निदेशक नील पोट्स ने कहा कि सोशल नेटर्विकंग साइट ने पार्टी के पक्षपात के आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है और सुनिश्चित करेगी कि वह निष्पक्ष रहे तथा ईमानदारी के सर्वोच्च स्तर को कायम रखे। कांग्रेस ने फेसबुक पर भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा सामाजिक सौहार्द में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि नफरत भरे भाषणों को लेकर अपने नियमों को लागू करते समय सोशल मीडिया संस्थान सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों के साथ नरमी बरतता है।

कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को वॉल स्ट्रीट जर्नल और टाइम पत्रिका में प्रकाशित कुछ रिपोर्ट के बाद यह पत्र लिखा था। इनमें फेसबुक तथा वॉट्सऐप इंडिया का नेतृत्व करने वाली टीम पर सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह रखने और उससे नजदीकी का आरोप लगाया गया था। पोट्स ने एक सितंबर को लिखे पत्र में अपने जवाब में कहा, ‘हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से जाहिर आपकी चिंताओं और सुझावों को गंभीरता से लेते हैं। सबसे पहले तो हम यह कहना चाहते हैं कि हम पक्षपात नहीं करते और अपने प्लेटफॉर्म को ऐसी जगह बनाये रखना सुनिश्चित करते हैं जहां लोग खुद को स्वतंत्रता से व्यक्त कर सकें। हम पक्षपात के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम सभी तरह की घृणा और कट्टरता के खिलाफ हैं तथा उसकी निंदा करते हैं।’

जुकरबर्ग को पत्र लिखने वाले कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल को लिखे जवाब में पोट्स ने कहा, ‘सार्वजनिक लोगों द्वारा नफरत वाली बातें कहने के सवाल पर हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे सामुदायिक मानक धर्म, जाति और राष्ट्रीय मूल समेत ऐसे मुद्दों के आधार पर लोगों पर हमलों को प्रतिबंधित करते हैं। हम अपनी घृणा भाषण नीति के अनुरूप भारत में सार्वजनिक शख्सियतों द्वारा हमारे प्लेटफॉर्मों पर डाली गयी घृणा वाली सामग्री हटाते रहे हैं और हटाते रहेंगे।’ फेसबुक पर भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ही लोगों की राय को प्रभावित करने के आरोप लगा रहे हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मद्देनजर संसद की एक समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कथित दुरुपयोग के विषय पर बातचीत के लिए बुलाया था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर उसके कर्मचारियों पर एक राजनीतिक झुकाव वाले लोगों का समर्थन करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के लिए ‘अपशब्दों’ के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार कंपनी की व्यापक प्रक्रिया के बाद राजा सिंह को इस प्लेटफॉर्म से हटाने का फैसला किया गया है।

एक सूत्र ने बताया कि कंपनी ने पहले भी अपनी नीतियों का उल्लंघन करने वाले राजा के पोस्ट हटा दिये थे, लेकिन सिंह पर पाबंदी लगाने का फैसला अब लिया गया है। प्रतिबंध के बाद सिंह को फेसबुक की खतरनाक व्यक्ति और संस्थान नीति के तहत चिह्नित किया गया है और वह अब फेसबुक पर मौजूदगी दर्ज नहीं करा पाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत सिंह फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग नहीं कर सकेंगे। कंपनी उनका प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों, पेजों और खातों को भी हटा देगी। हालांकि उनकी प्रशंसा और समर्थन समेत व्यापक बातचीत को अनुमति जारी रहेगी।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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