नई दिल्ली। देशभर में आज हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2021) का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है। इस दिन महिलाओं को खास नियमों का पालन करना होता है। महिलाएं पति के लंबी उम्र के लिए निराधार व्रत रखती हैं। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
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पूजन का शुभ मुहूर्त-
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार को देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा
प्रदोषव्रत हरतालिका व्रत मुहूर्त – शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
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हरितालिका तीज पूजा विधि-
1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं विशेष व्रत नियमों का पालन करती है. इस दिन के शाम में समय में महिलाएं तीज की कथा सुनती हैं।
3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
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व्रत पूजन विधान-
पं. अवध नारायण के अनुसार व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करें।
क्या नहीं करना चाहिए
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निराहार व्रत रखती हैं। इस दिन कुछ भी नहीं खाना चाहिए हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं को इन नियमों में छूट दी जाती ।
हरतालिका तीज के दिन महिलाओं को अपने मन को शांत रखकर मां गौरा की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन महिलाओं को मेहंदी लगानी चाहिए और सबसे प्रेम से बात करनी चाहिए।
मान्यता है कि व्रत के दिन महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत को जितने विधि- विधान से किया जाता है उसके उतने ही लाभ होते ।
शास्त्रों के अनुसार, किसी भी व्रत को तभी पूरा माना जाता है जब आप पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ साफ मन से इस व्रत को करते है। तीज के दिन विधि- विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।
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