नई दिल्ली। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। आज सुबह, जब आबे जापान में ऊपरी सदन के चुनाव की कैपेनिंग के दौरान नारा शहर में भाषण दे रहे थे, उसी वक्त हमलावर ने उनपर पीछे से दो गोलियां चला दी। एक गोली आबे के पीठ पर लगी, वहीं दूसरी गोली उनकी गर्दन पर। गोली लगते ही आबे जमीन पर गिर पड़े।
सूत्रों के मुताबिक, गोली लगने के बाद आबे को दिल का दौरा पड़ा। उसी दौरान उन्हें वहीं पर सीपीआर भी दिया गया। आनन-फानन में उन्हें एयर लिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। खबरें तो ये भी सामने आईं हैं कि जिस वक्त आबे को एयर लिफ्ट किया जा रहा था उस दौरान उनकी सांसे और दिल की धड़कन नहीं चल रही थी।
लेकिन क्या आपको पता है कि आबे जापान के पहले प्रधानमंत्री नहीं थे जिनपर इस तरह से हमला किया गया? जी हां, आज से 90 साल पहले भी नेवी के अधिकारियों ने जापान के प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी की हत्या कर दी थी।
तख्तापलट की कोशिशों के चलते की गई हत्या
ये घटना है 15 मई, 1932 की। 13 दिसंबर, 1931 को इनुकाई सुयोशी जापान के प्रधानमंत्री बने थे। इनुकाई सुयोशी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही जापान की लंदन नौसेना के साथ एक संधि हुई जिसके अंतर्गत इंपीरियल जापानी नेवी का साइज सीमित करने पर सहमति बनी।
इस संधि से इंपीरियल जापानी नेवी के युवा नौसैनिक नाखुश हुए और उनमें इस फैसले को लेकर असंतोष इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने सत्ता पलट करने की ठान ली। इसके लिए उन्होंने एक आंदोलन छेड़ दिया और फिर 15 मई, 1932 को इंपीरियल जापानी नेवी के 11 युवा अफसरों ने प्रधानमंत्री के आवास में घुसकर इनुकाई सुयोशी की हत्या कर दी।
हमले के दौरान इनुकाई सुयोशी और हमला करने वाले युवा अफसरों के बीच छोटी से बातचीत भी हुई जिसमें इनुकाई सुयोशी ने कहा- ‘मैं अगर बोल सकता, तो तुम समझ जाते’, जिसका जवाब देते हुए युवा अफसरों ने कहा- ‘बात करना बेकार है।’
इनुकाई सुयोशी की हत्या के बाद हत्यारों का हुआ था कोर्ट मार्शल
प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी की हत्या करने के बाद सभी 11 हत्यारों का कोर्ट मार्शल कर दिया गया। जब केस कोर्ट में गया तो उस दौरान जापान की जनता में हत्यारों के लिए सहानुभूति देखी गई। इतना ही नहीं, जापान के लोगों ने कोर्ट से हत्यारों को कम से कम सजा देने की अपील भी की। आखिरकार कोर्ट का फैसला आया और हत्यारों को बहुत ही कम सजा मिली। अपनी सजा पूरी करने के बाद सभी जल्द ही जेल से रिहा भी हो गए।
मैरिटाइम स्पेशल डिफेंस फोर्स में काम कर चुका है आबे का हत्यारा
आबे के हत्यारे का नाम यामागामी तेत्सुया बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, 41 वर्षीय यामागामी किसी बात पर आबे से नाराज था और इसी वजह से वो उनकी जान लेना चाहता था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि यामागामी एक प्रोफेसर है लेकिन इससे पहले वो मैरिटाइम स्पेशल डिफेंस फोर्स में काम कर चुका है। आपको बता दें, मैरिटाइम स्पेशल डिफेंस फोर्स जापान की नेवी के रूप में जानी जाती है।