नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी में स्पष्ट संकेत के बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (एचएएम) ने बिहार चुनाव पर चर्चा के लिए उसके अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा बुलायी गयी प्रस्तावित तीसरे मोर्चे की बैठक सोमवार को स्थगित कर दी। पार्टी ने एक बयान में कहा कि बुधवार को यह बैठक बुलायी गयी थी जिसे स्थगित कर दिया गया है।
एचएएम (HAM) के प्रमुख ने आगामी बिहार (bihar) विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी समेत गैर राजग और गैर महागठबंधन दलों को निमंत्रित किया था। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राजद नीत महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी जनता दल यूनाईटेड (जदयू), भाजपा (BJP) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ जाने पर निर्णय लेने से पहले विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम के साथ भी पहले बातचीत हुई थी। वर्ष 2019 के किशनगंज उपचुनाव को जीतने के बाद एआईएमआईएम सीमांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में उम्मीदवार उताने की तैयारी में है। वैसे बुधवार की बैठक स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन एचएएम के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जदयू के साथ उत्साहजनक बातचीत चल रही है तब ऐसी चर्चा में लग जाने का कोई तुक नहीं है।
मांझी ने पिछले बृहस्पतिवार को कुमार से भेंट की थी। समझा जाता है कि दोनों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई। लगता है कि भाजपा ने मांझी के राजग में लौट आने को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने शनिवार को कहा कि जो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करता है, उसका गठबंधन में स्वागत है।