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Thursday, May 16, 2024

Lakhimpur Kheri violence: अन्नदाता’ या कोई और, जानिए इस किसान की टीशर्ट पर किसकी है तस्वीर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा के बाद कृषि कानूनों के विरोध में लगभग एक साल से चल रहे किसान आंदोलन पर फिर से चर्चा होने लगी है। दरअस तथाकथित किसान की टीशर्ट पर किस किसान नेता की तस्वीर है। सोशल मीडियो पर ये तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। लोगों के मन में इस टीशर्ट के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ पुलिस वाले के साथ चल रहे इस तथाकथित किसान की टीशर्ट पर किस किसान नेता की तस्वीर है। लखीमपुर में जो लोग गाड़ियों पर पत्थर और लाठियां बरसा रहे थे उनमें कई की टी शर्ट पर यही तस्वीर थी। किसान आंदोलन का गढ़ बन चुके हरियाणा-दिल्ली का कुंडली बार्डर हो या टीकरी बार्डर अक्सर किसान इस तरह की टीशर्ट या अन्य कपड़े पहने नजर आ ही जाते है।

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जानिए कौन है महेंद्र सिंह टिकैत

किसान नेता की बात करें तो सिर्फ यूपी ही नहीं पूरे उत्तर भारत में महेंद्र सिंह टिकैत का नाम आज भी बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। किसान इनको आदर से ‘बाबा टिकैत’ कह कर बुलाते हैं। आपको मालूम होगा कि आज किसान आंदोलन के चेहरा बने राकेश टिकैत बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के ही बेटे हैं। लेकिन उनकी कोई तस्वीर पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन में कहीं नहीं दिखती।

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किसान की टीशर्ट पर किसकी है तस्वीर

आपको बता ही देते हैं कि इस किसान की टीशर्ट पर बनी यह फोटो किसी किसान नेता का नहीं बल्कि खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले की है। यह तस्वीर उसी भिंडरावाले की है जो पाकिस्तान की सहायता से पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाने का मंसूबा रखता था। बीते 27 सितंबर को जब किसान आंदोलनकारियों ने भारत बंद का आह्वान किया था तो हरियाणा, पंजाब में बाजार बंद कराने वाले कुछ लोगों के हाथ में भिंडरावाले के चित्र वाले झंडे दिखे थे।

किसान आंदोलन से जुड़े कई संगठनों के लोग आफ द रिकार्ड यह स्वीकार करते हैं कि प्रदर्शनों में हिंसा भड़काने में खालिस्तान समर्थकों का ही हाथ होता है, लेकिन खुलकर कोई नहीं बोलता। 26 जनवरी को दिल्ली में जिस तरह से योजना बना कर हिंसा की गई और खास तौर पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया, उसके बाद तो यह शक यकीन में बदल गया। रही सही कसर लाल किले पर खालिस्तान के झंडे को लहरा कर कर दी।

किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान समर्थकों द्वारा की जा रही हिंसा पर यूनियन के नेता बिल्कुल चुप हैं। शुरुआत में संचालन समिति से जुड़े पंजाब के एक किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने खालिस्तानी तत्वों की आंदोलन में घुसपैठ पर अपत्ती जताई थी लेकिन उन्हें निलंबित कर दिया गया।

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विपक्ष का एजेंडा टाई टाई फिश

बता दें कि  लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान जिस तरह से हिंसा भड़की, उसके भयावह रूप लेने की आशंका थी। लेकिन योगी सरकार ने किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से बातचीत कर विपक्षी पार्टियों के सारे एजेंडो को फेल कर दिया है। बता दें रविवार की शाम यूपी के लखीमपुर खीरी में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई। योगी सरकार ने इस हिंसक विरोध को 20 घंटे के भीतर संभाल लिया। रविवार शाम से जो माहौल गरमाया, वह दोपहर 1 बजते-बजते हवा हो गया।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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