नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर निशाना साधा है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से यह खुलासा करने का भी आग्रह किया कि एनएमपी के उद्देश्य क्या हैं और छह लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का मुख्य लक्ष्य क्या है ?
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चिदंबरम बोले जिन संपत्तियों की पहचान एनएमपी के तहत की गई है, उनसे मौजूदा समय में भी कोई न कोई राजस्व जरूर मिल रहा होगा। उन्होंने सवाल किया, क्या सरकार ने मौजूदा राजस्व और चार साल की अवधि में मिलने वाले छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व में अंतर का आकलन किया? अगर किया है तो फिर इन चार वर्षों में हर साल दोनों राजस्व में कितना अंतर होगा?
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कांग्रेस को एनएमपी को लेकर आपत्तियां
गौरतलब है कि कांग्रेस को एनएमपी को लेकर आपत्तियां हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया, एनएमपी के पीछे की मंशा राष्ट्रीय आधारभूत अवसंरचना पाइपालाइन (एनआईपी) के समानांतर चलने की है। एनआईपी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये की जरूत होगी। क्या चार साल में एकत्र होने वाला छह लाख करोड़ रुपये का राजस्व 100 लाख करोड़ रुपये की परियोजना के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त होगा?
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए, घाटे में चल रही संपत्तियों का मुद्रीकरण किया, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार इसके उलट कर रही है। उन्होंने यहां कहा कि कांग्रेस ने कभी सामरिक महत्व वाली संपत्तियों को नहीं बेचा।
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चिदंबरम का मोदी सरकार पर आरोप
चिदंबरम ने उन्होंने आरोप लगाया, जिन संपत्तियों को बनाने में वर्षों का समय लगा, मोदी सरकार की योजना उनकी दिन-दहाड़े लूट करने की है। दंबरम ने कहा कि जनता को संपत्तियों को बेचे जाने की आशंका को लेकर आवाज उठानी चाहिए।