नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। इसी बीच तीसरी लहर की चर्चा भी शुरू हो गई है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन सहित कई विशेषज्ञ तीसरी लहर को लेकर आगाह कर चुके हैं। लोगों के मन में अब यह सवाल उठ रहा है कि तीसरी लहर कब आएगी और और इससे सबसे अधिक किस समूह को प्रभावित होने की आशंका है।
पिछले साल देश ने कोरोना की पहली लहर से मुकाबला किया, जिसकी शुरुआत मार्च में हुई थी और अगस्त-सितंबर के महीने में पहली लहर अपने पीक पर थी। इसके बाद मामले धीरे-धीरे कर के कम होने लगे। इस साल भी दूसरी लहर ने मार्च में ही दस्तक दी और अभी तक इसकी भयावहता जारी है।
I had already warned two days ago that the third Coronavirus wave will target young children. We need a serious Crisis Management Team now instead of PMO psychos to monitor and strategize the response. Today the NITI Aayog Member confirms the danger of the third wave
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 5, 2021
जानकारों का कहना है कि इस महीने दूसरी लहर का पीक आ जाएगा और उम्मीद है कि मामले कम होने लगेंगे। पहली और दूसरी लहर के बीच कुछ महीने का गैप है। इसी दूसरी से तीसरी लहर के बीच भी 3-4 महीने का अंतर होगा।
“तीसरी लहर के बारे में एक्सपर्ट बता रहे हैं कि वह आने वाली है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। अगर बच्चे अस्पताल जाएंगे तो फिर पैरेंट्स को भी साथ जाना होगा। इसी कारण वैक्सीनेशन इस ग्रुप के लोगों को जल्द दिया जाना चाहिए और वैक्सीनेशन समय पर पूरा किया जाए। इसके लिए साइंटिफिक तरीका अपनाया जाना चाहिए और इसका इंतजाम किया जाए। अगर हम अभी तैयारी करेंगे तो हम स्थिति से निपट पाएंगे।”
कोरोना की तीसरी लहर पर सुप्रीम कोर्ट
तीसरी लहर की आशंका के बीच चर्चा चल रही है कि इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पहली लहर में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित 60 साल से अधिक उम्र और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग हुए थे। दूसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा युवा और जवान लोगों को है। इसी ट्रेंड को देखते हुए यह अंदेशा है कि तीसरी लहर में बच्चे कोरोना के निशाने पर होंगे। हालांकि तीसरी लहर कब, किस रूप में आएगी और किसको सबसे अधिक प्रभावित करेगी, इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। लेकिन तीसरी लहर का आना तय है।
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जानकारों का कहना है कि पहली और दूसरी लहर में भी बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं, लेकिन उनकी बॉडी ग्रोथ ( Body Growth) पीरियड में होती है तो वो इस बीमारी को हरा देते हैं और उन पर गहरा असर नहीं पड़ता। हालांकि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में महाराष्ट्र में ज्यादा बच्चे संक्रमित हुए हैं।
पहले से ही तैयारी करनी शुरू करें
- बच्चों को मास्क पहनने की आदत डालनी शुरू कर देनी चाहिए।
- बच्चों को बाहर खेलने भेजने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से पैरेंट्स रोकें।
- बाहर के खान-पान की वस्तुओं से परहेज करें। साथ ही पौष्टिक आहार खिलाते रहें। कोरोना की दो लहरों में बच्चों पर कम प्रभाव पड़ने का कारण उनका मजबूत इम्यूनिटी सिस्टम है, उसे बरकरार रखना भी जरूरी है।
- घर में यदि किसी को कोरोना हो गया है तो बच्चों को उनसे बिल्कुल दूर रखें।
- नवजात या बच्चे में कोरोना से जुड़े कोई भी लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बुखार होने पर विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तीसरी लहर के दस्तक देने में अभी तो समय है। ऐसे में माना जा रहा है कि जब तक तीसरी लहर आएगा तब तक 18 साल से अधिक उम्र के अधिकतर लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी होगी। ऐसे में वे लो रिस्क जोन में होंगे। खतरा वाला समूह बच्चों का ही होगा। इसे भी एक कारण माना जा रहा तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरा है।
पीजीआई, लखनऊ के सीवीटीएस हेड डॉ. निर्मल गुप्ता का कहना है कि जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं उनमें पोस्ट कोविड डिजीज हमारे लिए अगली चुनौती है। नया म्यूटेंट जिस तरह से लोगों को फेफड़े संक्रमित कर रहा है और उससे दूसरे अंग प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए यह जरूर कहा जा सकता है कि पोस्ट कोविड इफेक्ट डॉक्टरों और मरीज दोनों के लिए तीसरी लहर बनने वाले हैं।
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