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Friday, April 19, 2024

जब जान हथेली पर लेकर बॉलीवुड के सितारें पहुंचे काबुल, तो फिर कुछ ऐसा हुआ हाल…

नई दिल्ली। बॉलीवुड (Bollywood) में कई सारी फिल्में बनी है। कुछ फिल्में ऐसी है जो अपने अलग अंदाज के जानी जाती है तो कुछ फिल्में ऐसी है जिनकी शूटिंग खतरनाक जगह पर हुई है। तो ऐसे में कुछ ऐसी भी फिल्में है जिनकी स्टारकास्ट काफी अलग है। इसी लिस्ट में एक फिल्म आती है वो है डायरेक्टर कबीर खान की फिल्म काबुल एक्सप्रेस। ये फिल्म जितनी दिलचस्प है उतनी ही डायरवनी है इस फिल्म की शूटिंग की कहानी। इसको लेकर खुद कबीर सिंह और आदित्य चोपड़ा ने कुछ सच बताएं है।

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बजरंगी भाईजान, ट्यूबलाइट और सुलतान जैसी बढ़िया फिल्में बना चुके डायरेक्टर कबीर खान ने अफगानिस्तान के काबुल के बारे में भी फिल्म बनाई हुई है फिल्म काबुल एक्सप्रेस, कबीर खान की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म थी। इस फिल्म की प्रमोशनल किताब में पब्लिसिटी शॉट्स थे, जिनमें फिल्म के पांचों मुख्य किरदारों को काबुल के सुनसुना शहर में खोया हुआ देखा जा सकता है। उनके पास लंबे और खतरनाक कांटेदार तार पड़े हैं इन किरदारों में दो भारतीय, एक अमेरिकी, एक अफगानी और एक पाकिस्तानी है। फिल्म में इन सभी का सामने बेरहमी से तबाह किए गए काबुल से होता है, इन किरदारों में दो भारतीय, एक अमेरिकी, एक अफगानी और एक पाकिस्तानी है। फिल्म में इन सभी का सामने बेरहमी से तबाह किए गए काबुल से होता है, जिसमें जगह-जगह टूटे हुए आर्मी के टैंक, गोलियां और बम संग अन्य चीजें बिखरी हुई है।  यह साल 2006 में रिलीज हुई थी।

ऐसे में उस समय आदित्य चोपड़ा से पूछा गया था कि आखिर सरसों के खेत में रोमांस दिखाने के बाद वह धूल भरी काबुल की गलियों में आखिर कैसे पहुंचे? इसपर आदित्य ने कहा था, ‘मैं कुछ चैलेंजिंग करना चाहता था, कुछ अलग करना चाहता था। ऐन पॉपुलर ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने के अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आना चाहता था और इंटरनेशनल ऑडियंस के लिए एक फिल्म बनाना चाहता था। जब काबुल एक्सप्रेस मेरे डेस्क पर पहुंची थी, मुझे समझ आ गया था किमुझे इस फिल्म को जल्द से जल्द बनाना होगा।’ आदित्या चोपड़ा के पास काबुल एक्सप्रेस की स्क्रिप्ट पहुंचाने वाले कोई और नहीं कबीर खान ही थे। उस समय कबीर एक जाने माने डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार हुआ करते थ कबीर और फिल्म काबुल एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर राजन कपूर ने तालिबान के शासन पर डॉक्यूमेंट्री शूट करने के लिएडॉक्यूमेंट्री शूट करने के लिए युद्ध से तबाह राष्ट्र में ट्रेवल किया था।

इसके बारे में कबीर ने कहा,- ‘वही पल था जब हमने दुनिया के सबसे दमनकारी शासनों में से एक के खूंखार आतंकवादी को रोते-बिलखते पिता में बदलते देखा था। उस छोटे से पल ने कहीं ना कहीं काबुल एक्सप्रेस के आईडिया की नींव रखी थी।’ कबीर खान के मुताबिक, यह कहानी 48 घंटों की है और पांच लोगों के बारे में है, जो नफरत और डर की वजह से जुड़े हुए हैं और किस्मत से साथ आते हैं। कबीर का कहना था कि 9/11 के बाद युद्ध में तबाह हुए अफगानिस्तान में सेट काबुल एक्सप्रेस ऐसे लोगों के बारे में एक ऐसी ड्रामा फिल्म है, जो वैसे तो अपनेआप में ही रहते हैं लेकिन जब साथ में समय बिताने के लिए उन्हें फोर्स किया जाए तो वह एक दूसरे को समझ लेते हैं। फिल्म के लिए कबीर खान ने जॉन अब्राहम और अरशद वारसी संग एक अमेरिकी, अफगानिस्तानी और पाकिस्तानी एक्टर को कास्ट किया था।

आदित्य चोपड़ा ने इस बारे में बात करते हुए कहा था, -‘हर इंसान के अपने देश का प्रतिनिधित्व करने और अपने अलग भाषा में बात करने की वजह से यह फिल्म असली दिखी है जॉन और अरशद के अलावा जिन एक्टर्स को कबीर खान ने फिल्म में लिया था वह थे Linda Arsenio, Salman Shahid और Hanif Hum Ghum, लिंडा न्यूयॉर्क की रहने वाली हैं और उन्होंने यूएस में कई इंडिपेंडेंट फिल्मों में काम किया हुआ है। जिसके बाद कबीर संग पूरी फिल्म की कास्ट और क्रू की सिक्योरिटी को बढ़ाया गया था और 60 कमांडो शूटिंग के दौरान उनके साथ रहते थे।  प्रोड्यूसर राजन ने बताया था,- ‘काबुल में शूटिंग करने के शुरूआती दो हफ्ते किसी सपने की तरह थे। लेकिन जैसे ही धमकियां मिलना शुरू हुई सब बर्बाद-सा हो गया हमारे पास शूट पर मौजूद क्रू मेंबर्स से ज्यादा सिक्योरिटी होती थी।’  फिल्म काबुल एक्सप्रेस की शूटिंग का सबसे खतरनाक हिस्सा तब था जब कबीर खान ने शूटिंग शुरू करने के लिए आवाज लगाई और उनके पास से बंदूक की एक गोली सन्न से निकली। तब शूटिंग को एक घंटे के लिए रोक दिया गया था। वहीं एक बार राजन बुज़कशी का सीन शूट करते हुए बुरी तरह घायल हो गए थे और एक हफ्ते तक ढंग से चल नहीं पाए थे।

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अरशद वारसी ने अफगानिस्तान में शूटिंग करने को लेकर कहा था-, ‘वहां मोबाइल फोन से ज्यादा बंदूकें हैं। लेकिन अगर मैं इस फिल्म से जुड़ा ना होता तो मुझे मलाल होता।’ वहीं जॉन अब्राहम ने कहा था,- ‘काबुल एक्सप्रेस की कहानी एक्टर्स से कहीं ज्यादा बड़ी है। जान से मारने की धमकी और सुसाइड बॉम्बिंग के बाद मैंने अपने ड्राइवर से पूछा था कि यह बॉम्बर कहां से आते हैं। उसने मुझे जवाब दिया था- अल्लाह आपको जहां से चाहे वहां से अपने पास बुला सकता है। तो कुछ इस तरह से काबुल एक्सप्रेस फिल्म की शूटिंग हुई जो कि फिल्म से जुड़े हर इंसान के लिए काफी ज्यादा डरावनी थी परंतु कबीर सिंह ने अपनी जिंदादिली दिखकर फिल्म को अंजाम दिया।

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Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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