नई दिल्ली: कोरियाई प्रायद्वीप में जारी तनातनी के बीच रूस (Russia) और चीन (China) के लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कोरिया (South Korea) के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करी हैं। इसके बाद ऐक्शन (Action) में आई दक्षिण कोरियाई वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) को मोर्चे पर तैनात कर दिया हैं। अपनी तरफ दक्षिण कोरियाई लड़ाकू विमानों को आता देख रूस और चीन के विमान उल्टे पांव वापस भाग गए। जबकि, इस घटना के बाद से ही दक्षिण कोरिया ने अपने पूरे वायुसीमा की निगरानी (Monitoring) को काफी बढ़ा दिया है।
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रुसी और चीनी लड़ाकू विमानों को खदेड़ा
दक्षिण कोरियाई सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि – दो चीनी और सात रूसी सैन्य विमान आज बिना किसी सूचना के दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में घुस गए। इसके बाद हमें अपने लड़ाकू विमानों को घटनास्थल पर भेजना पड़ा। चीन और रूस के लड़ाकू विमानों ने अलग-अलग समय पर दक्षिण कोरिया के सबसे पूर्वी द्वीप डोकडो के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था।
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चीन ने अपनी सफाई में कहा कि – यह नियमित उड़ान के दौरान की घटना
इस घटना के बाद चीन के अधिकारियों ने एक कम्यूनिकेशन चैनल के जरिए दक्षिण कोरियाई सेना को बताया कि – उनके विमान एक नियमित उड़ान पर थे। तो वहीं, दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि – कोरिया के हवाई क्षेत्र में चीनी और रूसी विमानों का प्रवेश उनके संयुक्त अभ्यास का एक भाग लग रहा है। जबकि, हम इस घटना की पूरी जांच-पड़ताल कर रहे हैं।
जापान सागर में तनातनी अपने चरम पर
जापान सागर में स्थित द्वीपों को लेकर चीन, जापान, रूस, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध बहुत खराब हैं। चीन और जापान सेनकाकु द्वीप को लेकर लड रहे हैं। इस द्वीप को चीन में डियाओस के नाम से भी जाना जाता है। इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में ही है। वहीं, रूस और जापान में कुरील द्वीप को लेकर विवाद चरम पर है। दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच भी समुद्री सीमा को लेकर विवाद पनपा हुआ है। चीन तो पूरे दक्षिण चीन सागर पर ही अपना दावा करता रहा है।
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