नई दिल्ली। अगर कभी भी हम महिलाओं की सेहत को लेकर बातें करते है तो जाहिर है कई सारी समस्याएं हमारे सामने आ जाती है। जिसमें कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिनके बारें में खुद महिलाएं ही बात करना पसंद नहीं करती है और ना किसी डॉक्टर का सुझाव लेना पसंद करती है। और कुछ ऐसी समस्याएं होती है जिनके बारें में महिलाएं बातें तो करती है पर उनका इलाज अच्छे से नहीं कर पाती है इस वजह से दिन व दिन सेहत खराब होती जाती है।
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ऐसा माना जाता है और कहा भी जाता है कि जीवन में पढ़ाई का काफी महत्व है, तो कहीं ना कहीं शिक्षा जीवन में बहुत महत्व रखती है फिर चाहें वो किताबी हो या व्यावहारिक।
तो जो महिलाएं शिक्षा लेना या शिक्षित लोगों से बातें करना पसंद करती है उनके साथ कुछ चीजें आसान हो जातीहै जिससे वो अपनी बातें खुलकर कह पाती है। वहीं आज हम आपको महिलाओं की सेहत से जु़ड़ी महत्वपूर्ण चीजों के बारें में बताएंगे जिससे आप को लाभ होगा और अगर आपके सात या आपके किसी दोस्त या संबधी के साथ ऐसी कोई बिमारी है तो आप मदद कर सकें। तो चलिए जानते है कुछ खास बातें महिलाओं की सेहत से संबधित।
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1. पीरियड्स से जुड़ी खास जानकारी-
पीरियड्स अर्थात् मानासिक चक्र, हम बात कर रहे है उन दिनों की जिनसे हर महिला हर महीने गुजरती है। ये एक ऐसी एक नेचुरल प्रक्रिया है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए होती है। पीरियड्स होते तो सबको है पर सबके लिए इसका अलग-अलग एक्सपीरियंस होता है, किसी के लिए तो ये कुछ दिन बुरे सपने की तरह होते है तो किसी के लिए साधारण। महीने के उन दिनों में महिलाओं में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव आते हैं जिससे उनका व्यवहार और शारीरिक गतिविधियां भी बदल जाती हैं।
इससे जुड़ी कई सारी समस्या होती है जैसे किसी को समय पर नहीं आते है पीरियड्स, तो किसी को बहुत कम आते है, तो किसी किसी पीरियड्स की वजह से सेहत पर असर होता है और कभी -कभी ऐसा भी होता है कि इसका एक सहीं समय नहीं होता है तो शरीर में कई सारी बिमारियां हो जाती है। क्यूकि कई बार ऐसा सुनने में आता है कि किसी को पीसीओडी या थाएरॉड हो गया। इसीलिए कोशिश करे कि आपको ऐसी कोई भी समस्या होती है तो सबसे पहले तो डॉक्टर से संपर्क करें। और अगर आप ये नहीं कर सकते है तो आपने खान-पान, अपनी एक्साइज, अपनी सेक्स लाइफ और अपनी लाइफ स्टाइल को बदले।
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2. ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारी
ब्रेस्ट कैंसर के लिए तो अक्टूबर महीनें को दुनियां को जागरुकता फैलाने के लिए समर्पित किया गया है। अगर हम अभी हाल फिलहाल के वक्त की बात करें तो हमको कई सारे केस सुनने में मिल जाते है कि इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर हो गया है या उस वजह से ब्रेस्ट कैंसर हो गया है। कैंसर के बारे में बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह बीमारी हमें नहीं हो सकती। इस चक्कर में वक्त रहते लोग जांच नहीं कराते और यही देरी इस बीमारी को घातक बना देती है।
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सुत्रों से तो यहीं पता चला है इसको लेकर कि ब्रेस्ट कैंसर के 100 में से 10 मामलों में ही अनुवांशिकता काम करती है, लेकिन कैंसर होने में जीन के बदलाव का 100 फीसदी हाथ होता है। परंतु जींस, एनवायरनमेंट और लाइफस्टाइल- ये तीन कारक मिलकर किसी के शरीर में कैंसर होने की आशंका को बढ़ाते हैं। इसको पहचाना या इसके बारें में पता लगाना मुश्किल नहीं है अगर आपको इसकी जानकारी है तो। ब्रेस्ट कैंसर की सबसे आसान पहचान है कि कहीं कोई गांठ, सुजना होना जिसमें दर्द ना हो रहा है औऱ ब्रेस्ट में कहीं भी लगातार दर्द का होना भी इसके लक्षण दिखाता है।
इसके लिए 40 साल की उम्र में एक बार और फिर हर दो साल में मेमोग्राफी करवानी चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में ही ब्रेस्ट कैंसर का पता लग सके। और अगर आप ब्रेस्ट स्क्रीनिंह करवा रहे है तो ब्रेस्ट स्क्रीनिंग के लिए एमआरआई और अल्ट्रासोनोग्राफी भी की जाती है। इनसे पता लगता है कि कैंसर कहीं शरीर के दूसरे हिस्सों में तो नहीं फैल रहा। आपको बता दे कि कुछ गांव और पिछड़े इलाको में कैंसर को लेकर गलत जानकारी है लोगों को जिनको लगता है कि कैंसर छूत की बीमारी नहीं है जो मरीज को छूने, उसके पास जाने या उसका सामान इस्तेमाल करने से हो सकती है। परंतु ऐसा नहीं है।
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3. थायरॉइड से जुड़ी जानकारी
आज के वक्त में हर दूसरी या तीसरी महिला में थायरॉइड देखने को मिल जाता है, और कई बार तो ऐसा होता है कि इस बात को महिलाएं उतना गंभीरता से नहीं लेती है जितना लेना चाहिए। पहले तो आपको बता दे कि हाइपरथायराइड और हाइपोथायरायड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गले में अपनी जगह बनाने लगती है, इस ग्रंथि को उर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि कहा जाता है। यह ग्रंथि मास्टर लीवर की तरह ही काम करती है जो गले में जींस उत्पन्न करती है जिससे तमाम तरह की कोशिकाएं अपना काम ठीक ढंग से कर सकें। जब यह ग्रंथि ठीक ढंग से काम करना बंद कर देती है तो इस स्थिति में थायराइड होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त व कफ के कारण थायरॉइड संबंधित रोग होता है। इसके अलावा भी थायरॉइड को लेकर कुछ और जानकारी भी सामने आई है जैसे थायराइड गलत खानपान, अनुवांशिकता, आयोडीन की कमी और मोटपे की कमी के कारण भी थायरॉइड होता है। इससे जुड़े कुछ लक्षण भी है जैसे आचनक ही घबराहट महसूस होने लगती है या फिर सांस फूलने लगती है, हाथों का कांपना, बहुत भूख लगना, गले में सूजना होना आदि। आपको ऐसे लक्षण है तो कोशिस करें कि आप पहले तो किसी डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप डॉक्टर से बात नहीं कर पा रहे है किसी वजह स तो कोशिश करें कि सेहत का खास ध्यान रखें। थायराइड मरीजों के लिए हरा धानिया खाना, फल-सब्जियों का खान-पान, नट्स का सेवन करना काफी फंयदेमंद होता है। और हां कोशिश करें कि रोज एक से आधा घंटा एक्साइज या योगा करें साथ में बाहार का कुछ भी खाना ना खाएं। थॉडराइड को हल्के में ना ले क्योंकि आगे चलकर गर्भ धारण को लेकर भी समस्या आ जाती है।