नई दिल्ली। ओडिशा के फुलबानी से एक बड़ी घटना सामने आई है जहां क्राइम ब्रांच की सात सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स (STF)गुप्त सुचना के आधार पर छापेमारी करने पहुंची और ग्रामीणों ने STF को ही बंधक बना लिया। वहीं इस दौरान एसटीएफ के एक जवान ग्रमीणों के चंगुल से भागने में कामयाब हुआ। वहीं कई घंटों तक हिरासत में रहने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और एसटीएफ टीम को विक्षिप्त ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया।
मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ की टीम को गुप्त सुचना के आधार पर गांजे की बिक्री के बारे में पता चला, जिसके बाद एसटीएफ की टीम सुबह उस जगह पर छापेमारी करने के लिए काकेंद्री पहुंची, जहां पर कॉन्ट्रैबल्ड स्टॉक किया गया था। पुलिस ने कई ग्रामीणों को पूछताछ के लिए लिया। हालांकि, जैसे ही एसटीएफ के जवान सादे कपड़ों में थे, स्थानीय लोगों को शक हो गया और उन्होंने उनका विरोध किया। टीम को तीन घंटे तक ग्रामीणों द्वारा पीटा गया और हिरासत में लिया गया। इस बीच, एसटीएफ का एक जवान गांव से भागने में कामयाब रहा और उसने सदर पुलिस से संपर्क किया।
वहीं इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने गांव में पहुंचकर शेष एसटीएफ सदस्यों को बचाया। घायल कर्मियों को स्थानीय अस्पताल में उपचार के लिए भेजने के बाद भुवनेश्वर लौट आए। इस बीच, आबकारी अधिकारियों ने दिन में बेरहामपुर के बाहरी इलाके में जगन्नाथपुर जंक्शन पर तीन वाहनों में लदी कॉयर स्टैक्स के तहत छिपाए गए 55 लाख रुपये के गांजे को जब्त किया। इस सिलसिले में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गजपति जिले से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। वाहनों को गजपति से उत्तराखंड जाने वाले रास्ते पर रखा गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि गजपुरा जिले के अंटारागांव के पास एक ट्रक, मिनी वैन और कार में करीब 11 क्विंटल गांजा लदा था। गांजा की थैलियों को कॉयर स्टैक्स के नीचे छुपाया गया था। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति उत्तराखंड के एक लॉ कॉलेजसे ग्रेजुएशन किए हुए हैं।