भुवनेश्वर। कोरोना महामारी के कारण ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज अपना 75वां जन्मदिन भले नहीं मनाया, मगर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के 75 साल में प्रवेश करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर नवीन पटनायक को जन्मदिन की शुभकामना देने के साथ ही स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना की है। केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी ट्वीट कर शुभकामना देते हुए लिखा है महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी आपको दीर्घायु रखें।
Birthday greetings to Odisha CM Shri Naveen Patnaik Ji. Praying for his long and healthy life. @Naveen_Odisha
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2020
कोरोना संक्रमण के कारण भले ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला लिया हो मगर आज सुबह से मुख्यमंत्री के चाहने वालों एवं कार्यकर्ताओं ने अपने ही तरह से उन्हें जन्म बधाई देते हुए उनके स्वस्थ दीर्घायु होने की कामना की है। वहीं नवीन पटनायक ने कहा है कि प्रदेश के लोग जो मुझे हर समय प्यार देते हैं उनका मैं सदैव ऋणी रहूंगा। वर्तमान समय में हर को कठिनाई की दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हमने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने अपने शुभेच्छुओं से आग्रह किया कि वे नवीन निवास आने के बदले गरीब लोगों की मदद करें। रक्तदान एवं प्लाजमा दान करें। मंत्री, विधायक, पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री ने किसी भी प्रकार उत्सव पालन ना करने को अनुरोध किया है।
Warm birthday wishes to the Chief Minister of Odisha, Shri @Naveen_Odisha ji. May almighty bless him with a long and healthy life.
— Amit Shah (@AmitShah) October 16, 2020
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजनीति में प्रवेश के बाद कभी हार का स्वाद नहीं चखा। वह अब ओडिशा के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। पटनायक साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के कुशल संचालन के लिए जाना जाता है और इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से भी उनकी प्रशंसा होती रही है। दुनिया के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा और कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में भी ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के जलवों पर कोई असर नहीं देखा गया। पिछले 20 वर्षों से भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां ओडिशा में पटनायक सरकार कड़ी टक्कर तक नहीं दे पाई हैं। इसकी वजह हैं नवीन पटनायक का मजबूत शासन बताया जाता है।