नई दिल्ली। भारत के आठ समुद्र तट यानी Sea Beach को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट दिया गया है. यह सर्टिफिकेट उन Beaches को दिया जाता है जो काफी साफ-सुधरा और स्वच्छ होते हैं. ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक इको लेबल अवॉर्ड है, जो समुद्र तटों, मरीना बीच और सस्टेनेबल बोटिंग टूरिज्म ऑपरेटर्स को दिया जाता है. आइए जानते हैं भारत के आठ ब्लू फ्लैग समुद्र तट कौन से हैं.
ब्लू फ्लैग क्या है?
इंडिया दुनिया की पहली कंट्री है जिसके 08 समुद्री तटों को एक साथ ब्लू फ्लैग मिला है. ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) देती है. इस प्रोग्राम की इंटरनेशनल जूरी में फाउण्डेशन फॉर इनवायरमेंट एजुकेशन, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) जैसे संगठन और संस्थाएं शामिल हैं. ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने के लिए कुल 33 स्टैण्डर्ड तय किए गए हैं, लेकिन उनमें से कुछ मानक प्रमुख हैं जिनको पूरा करने के बाद ही अन्य को जांचा और परखा जाता है. सभी मानदंडों में से कुछ स्वैच्छिक होते हैं तो कुछ अनिवार्य भी हैं.
ब्लू फ्लैग के पैमाने
- पानी की गुणवत्ता
- कचरा निपटान की सुविधा
- प्राथमिक चिकित्सा उपकरण
- पालतू जानवरों के लिए तट पर रोक
- सुरक्षा के इंतजाम
- लाइफ गार्ड्स
- जीव-जंतु की सुरक्षा
- वनस्पति की सुरक्षा
- जागरूकता के प्रयास
ओडिशा के ब्लू फ्लैग समुद्री तट का परिचय: गोल्डन Beach
ओडिशा के पुरी में स्थिल यह समुद्री तट नाम के अनुरूप अपनी गोल्डन सैंड यानी सुनहरी रेत के लिये प्रसिद्ध है. यहां कुछ ही दूर पर भगवान जगन्नाथ जी का विश्व विख्यात मंदिर है. इसी तट पर देश के फेमस सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक रेत पर अपनी कई कलाओं को निर्माण करते हैं. ब्लू फ्लैग प्रोजेक्ट के तहत यहां होटल मेफायर के पास लगभग 900 मीटर का स्ट्रेच और गांधी पार्क जैसा ब्रीथिंग जोन बनाया गया है. क्राइम फ्री इस Beach में वॉच टॉवर, सोलर लाइटिंग सिस्टम, हाई क्वॉलिटी वाटर और पब्लिक टॉयलेट जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं.