नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertechs) को बड़ा झटका लगा है। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराते हुए दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया है।
शीर्ष आदालत ने इसके साथ ही सुपरटैक पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके आलावे कोर्ट ने इन दोनों टावरों को सुपरटेक अपने पैसे से 3 महीने में गिराने का आदेश दिया है।
Tokyo Paralympics 2020: शूटर अवनि लखेरा ने जीता गोल्ड, पीएम मोदी ने दी बधाई
Tokyo Paralympic 2020: तोक्यो से आई एक और खुशखबरी…
शीर्ष अदालत ने लगाई फटकार
बता दें कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को फटाकार लगाते हुए कहा कि बिल्डर और अथॉरिटी मिल कर गैर कानूनी काम कर रहे है। बिल्डर अपने पैसे के बल पर हर तरह का उलंघन कर रहे हैं। इतना ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा नोएडा में गैर कानूनी अतिक्रमण और कंस्ट्रक्शन की बड़ी वजह बिल्डर और अथॉरिटी के ऑफिसर का गठजोड़ है।
आदालत ने कहा कि Emarald Court सोसाइटी में दो टावर नियमों का उलंघन करके बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक जब नक्शा पास हुआ था तब ये दोनो टावर अप्रूव नही हुए थे। बाद में नियम का उलंघन करके ये टॉवर बनाए गए थे। बता दें इन टावर में 950 फ्लैट है, 42 माले का टॉवर है। बता दें कि वर्ष 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इन टावर्स को गिराने का निर्देश दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है।
दुश्मनों को हवा में ऐसे सफाया करेगा भारत, बढ़ी वायुसेना की ताकत!
जानिए क्या होगा खरीदारों का
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जिन खरीदारों का उस बिल्डिंग में फ्लैट है, उसे कंपनी को ब्याज के साथ पैसे वापस करेगा। कोर्ट ने कहा है कि फ्लैट मालिकों को दो महीने में पैसा ब्याज सहित पैसा वापस करना होगा। 12 परसेंट सालाना का ब्याज देना होगा।