नई दिल्ली। देश भर में कोरोना महामारी के उपचार के लिए कई सारी चीजे बनाई जा रही है। कई प्रकार की दवाईयां, कई तरह की किट और वैक्सीन। फिलहात तो इसी कड़ी में एक और अच्छी खबर सामने आई है कि दिल्ली आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही सस्ती किट का निमार्ण कर लिया है। जिसका नाम है एंटीजन जांट किट (Rapid Antigen Test Kit)। इस किट का उपयोग सार्स-सीओवी-2 एंटीजन के इन विट्रो गुणात्मक अनुसंधान करने के लिए किया जाता है। यह कोरोना वायरस एंटीजन के लिए विशिष्ट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर आधारित है।
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इस सस्ती और उपयोगी किट को लेकर वैज्ञानिकों का दावा है कि यह जांच किट संवेदनशीलता में 90 फीसदी, विशिष्टता में सौ फीसदी और और सटीकता में 98.99 फीसदी के साथ शुरुआती सीटी मान (14 से 32 के बीच सीटी मान) के लिए यह परीक्षण उपयुक्त पाया गया है। इस जांच किट को आईसीएमआर ने इसे प्रमाणित किया है। जांच किट को इजाद करने में प्रौद्योगिकी और इसका निर्माण 100 फीसदी स्वदेशी है।
और इस किट को लेकर आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा कि -‘आईआईटी दिल्ली ने जुलाई 2020 में 399 रुपये की आरटीपीसीआर किट लॉन्च की थी। इसमें आरटीपीसीआर परीक्षण लागत को मौजूदा स्तर पर लाने में सहायता मिली। संस्थान ने विकसित तकनीकों का उपयोग करते हुए अब तक 80 लाख से अधिक पीपीई किट की आपूर्ति की जा चुकी है। इस एंटीजन आधारित रैपिड परीक्षण किट के लॉन्च होने के साथ, हमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नैदानिक को आसान और सस्ता बनाने की उम्मीद है।’
हम आपको इस किट के बारें में बता दे कि सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. हरपाल सिंह के नेतृत्व में आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा इसे विकसित किया गया है। प्रो. हरपाल सिंह ने कहा कि यह सामान्य जनसंख्या जांच और कोविड-19 के निदान के लिए उपयुक्त है। सार्स-सीओवी-2 एंटीजन रैपिड परीक्षण मानव नाक की स्वैब, गले की स्वैब और गहरे लार के नमूनों में सार्स-सीओवी-2 एंटीजन के गुणात्मक निर्धारण के लिए एक कोलाइडल गोल्ड संवर्धित दोहरे एंटीबॉडी सैंडविच प्रतिरक्षा है।
वहीं इसके अलावा तेजी से प्रतिरक्षा क्रोमैटोग्राफिक विधि का उपयोग करते हुए, नासॉफिरिन्जियल स्वैब में सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस एंटीजन के गुणात्मक खोज करने के लिए आविष्कार को इन विट्रो नैदानिक किट की ओर निर्देशित किया गया है। इसके साथ साथ इस किट को केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने शुक्रवार को लॉन्च किया है।
उनका कहना है कि,- ‘यह तकनीक देश में कोविड परीक्षण उपलब्धता में क्रांति लाएगी। किट पूरी तरह से आईआईटी दिल्ली में आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके विकसित की गई है। उन्होंने शोधकर्ताओं प्रो. हरपाल सिंह और डॉ. दिनेश कुमार को भी बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित तकनीकों और भारत में बने उत्पादों का उपयोग करके महामारी से लड़ने में देश को आत्मानिर्भर बनने में सहयोग के लिए आईआईटी वैज्ञानिकों का आभार भी जताया।’