भुवनेश्वर। अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के फर्जी अकाउंट के जरिए जीएसटी ठगी के मामलों का लगातार खुलासा हो रहा है। बैंक में फर्जी अकाउंट खोलकर ठगों द्वारा करोड़ों रुपये की जीएसटी ठगी की गई है। केवल ठेका मजदूर जामिनीकांत नायक या विश्वजीत टांडिया ही इसके शिकार नहीं हुए हैं। बल्कि काफी संख्या में मजदूर, विद्यार्थी, रिक्शा चालक, सब्जी विक्रेता, फल विक्रेताओं के जाली प्रमाण पत्रों के जरिए सैकड़ों अकाउंट खोले गए हैं।
वर्तमान शहर के एक कॉलेज छात्र व आरएसपी के ठेका मजदूर के नाम पर अर्बन बैंक में अकाउंट खोलकर फर्जी कंपनी के जरिए करीब 42 करोड़ की जीएसटी ठगी की गई है। इस मामले के सामने आने के बाद फिर से बैंक प्रबंधन के कार्यकलापों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। बसंती कॉलोनी की एक बस्ती अंचल में रहने वाले कॉलेज छात्र सौम्यजीत स्वाईं के नाम पर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में अकाउंट खोल कर गणपति ट्रेडर्स नामक एक कंपनी की स्थापना करने के साथ-साथ ठगों ने 2017-19 के बीच 12.55 लाख रुपये की जीएसटी ठगी कर ली।
इसी तरह उक्त बस्ती में रहने वाले आरएसपी के ठेका मजदूर शारदा प्रसन्न स्वाईं के नाम पर भी इसी तरह अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में एक खाता खोला गया तथा वासुदेव मिनरल्स के नाम पर फर्जी कंपनी तैयार कर दो साल के भीतर 30 करोड़ की जीएसटी ठग ली गई है, जबकि वास्तव में सोम्यजीत व शारदा को यह जानकारी तक नहीं थी कि उनके नाम पर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में एक करंट अकाउंट है।
उसके जरिए करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन किया जा रहा है। जीएसटी विभाग के छानबीन के बाद इनके नाम पर राशि हेरफेर करने की बात सामने आई थी। विभाग ने दोनों को समन जारी किया। जिसके बाद दोनों जीएसटी अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। उन्होंने बताया था कि वे अपने जीवन में कभी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ना तो गए हैं और ना ही अकाउंट खोल कर उसके जरिए पैसों का कारोबार किए हैं। बाद में दोनों के दस्तखत का मिलान अकाउंट खोलने के समय किए गए दस्तखत से कराया गया था, जो मैच नहीं खाए थे।